वाराणसी के गंगा घाटों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश वर्जित संबंधी विवादित पोस्टर चिपकाए जाने के मामले में कमिश्नरेट की पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार किया है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने बजरंग दल काशी के संयोजक निखिल त्रिपाठी रुद्र और विश्व हिंदू परिषद के महानगर मंत्री राजन गुप्ता को नोटिस जारी कर तलब किया। पूछा कि क्यों न आप दोनों से 1 वर्ष तक शांति बनाए रखने के लिए 5 लाख का व्यक्तिगत बंधपत्र और इतनी ही धनराशि की 2 प्रतिभूतियां क्यों न ली जाएं?
इसके बाद दोनों से 5-5 लाख का निजी मुचलका भरवाया गया। चेतावनी दी गई कि यदि इस बीच इस तरह की गलती दोबारा हुई तो विधिक कार्रवाई में देरी नहीं की जाएगी। इस दौरान पुलिस लाइन में विहिप और बजरंग दल के नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए पुलिसकर्मियों से कहासुनी भी की।
कांग्रेस और सामाजिक संगठनों ने की थी शिकायत
गंगा घाटों पर धार्मिक भेदभाव आधारित पोस्टर चिपकाए जाने की शिकायत कांग्रेस और साझा संस्कृति मंच सहित अन्य संगठनों ने शुक्रवार को अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चंद्र दुबे से की थी। इसके अलावा सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इसकी आलोचना की थी। शिकायत के आधार पर अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) ने आश्वस्त किया था कि वह प्रकरण की जांच कराकर नियमानुसार उचित कार्रवाई करेंगे।
सौहार्द बिगड़ सकता है ऐसे पोस्टरों से
भेलूपुर थाने के दरोगा वीरेंद्र यादव ने अपनी रिपोर्ट इंस्पेक्टर भेलूपुर को दी थी। दरोगा वीरेंद्र यादव के अनुसार अस्सी घाट, उसके आसपास के अन्य घाटों और रास्तों पर धार्मिक भेदभाव आधारित पोस्टर चस्पा किए गए थे। उन पोस्टर से सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और कभी भी लोकशांति भंग हो सकती है। दरोगा वीरेंद्र यादव की इस रिपोर्ट के आधार पर विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट / सहायक पुलिस आयुक्त ने निखिल त्रिपाठी रुद्र और राजन गुप्ता के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस जारी कर उन्हें शनिवार को पेश होने के लिए कहा था।
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