1 नवंबर से धान क्रय केंद्र खुल रहे हैं। वाराणसी में इस साल धान के क्रय केंद्रों की संख्या में कटौती कर दी गई है। पिछले साल 44 केंद्रों पर धान खरीदे गए थे, मगर इस बार केवल 27 केंद्र ही बनाए गए हैं। वहीं धान खरीदने के लक्ष्य को भी पिछले साल के मुकाबले 1500 मीट्रिक टन बढ़ा दिया गया है। इस लिहाज से किसानों को इस बार धान को बेचने के लिए अपने खेतों से काफी दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे किसानों पर अनावश्यक डीजल-पेट्रोल के खर्च का भार आएगा। वहीं कम उपज वाले किसानों को तो कुछ ज्यादा ही समस्या होगी।
क्रय केंद्रों की सूची देख आया पसीना
कृषि विभाग की ओर से क्रय केंद्रों की सूची जारी कर दी गई है। इस सूची को देख किसानों के माथे पर पसीना आ गया है। खेत और बिक्री केंद्रों का बढ़ता फासला उन्हें नुकसान ही पहुंचाएगा।
राहत की बात यह है कि इस बार किसानों को बढ़े हुए मूल्य MSP 1940 रुपए के हिसाब से धान का भुगतान किया जाएगा।
शासन 3 दिन के अंदर पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) से किसानों को ऑनलाइन पेमेंट करेगा। मालूम हो कि पिछली बार धान पर MSP 1875 रुपए था। इस साल धान खरीदी का लक्ष्य 42 हजार मीट्रिक टन रखा गया है। जबकि पिछले साल 40500 मीट्रिक टन का लक्ष्य तय किया गया था।
धान उत्पादन में 30% की कमी
जिला खाद्य विपणन अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हर साल 23 लाख क्विंटल धान पैदा होता था, मगर इस बार वाराणसी में धान का 16 लाख क्विंटल उत्पादन हुआ है। इस लिहाज से वाराणसी अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेगा। उन्होंने बताया कि क्रय-केंद्रों पर बोरा, तौल मशीन, पंखा, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध करा दिए गए हैं। कल पूरी क्षमता के साथ केंद्रों पर खरीदी का काम शुरू हो जाएगा। नोडल अधिकारी केंद्रों पर तैनात हैं।
किसान यहां पर बचे सकते हैं अपने धान
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