श्रीराम चरित मानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वाराणसी के अधिवक्ताओं और हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल रहा है। आज वाराणसी के कचहरी पर अधिवक्ताओं ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन दिया। दर्जनों की संख्या में अधिवक्ता पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। इन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की है। अधिवक्ताओं ने कहा, मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो कोर्ट से मुकदमे की अपील करेंगे।
दूसरी ओर, काशी में सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हनुमान जी के शुभ दिन मंगलवार को वाराणसी के मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में 100 से ज्यादा महिला और पुरुष भक्तों ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि ऐसे नेताओं की बुद्धि दुरुस्त हो। हाथों में पोस्टर और पंफलेट लेकर सनातन धर्म का विरोध बंद करने वालों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। जय हनुमान के जयघोष लगाए। कहा कि विरोधी पहले गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित 'श्रीरामचरित मानस' को पढ़कर उसका भावार्थ समझें। फिर, टिप्पणी नहीं करेंगे।
बता दें कि इन दिनों लगातार यूपी-बिहार के नेता श्रीरामचरित मानस पर लगातार विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद ने श्रीरामचरित मानस को बकवास ग्रंथ बताया। इसी को लेकर काशी में लोगों का गुस्सा फूटा है।
'रामचरित मानस हम लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा देती है'
सुमित सराफ ने कहा कि सनातन धर्म पर प्रहार के खिलाफ हम लोग मंगलवार को हनुमान मंदिर में इकट्ठा हुए हैं। उनसे प्रार्थना की कि आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को सद्बुद्धि मिले। धर्म पर बात तभी होनी चाहिए, जब आपको उसके बारे में कुछ पता हो। रामचरित मानस हम लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा देती है। हिंदू सनातन धर्म 'श्रीरामचरित मानस' पर कोई भी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
राजनीति के चक्कर में अपने ही धर्म पर सवाल?
सोमवार को भी वाराणसी में अलग-अलग जगहों पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। अखिल भारतीय अखाड़ा संत समिति के महामंत्री से लेकर आम हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर हिंदू सनातन रक्षक सेना ने स्वामी प्रसाद मौर्या के विरोध में नारेबाजी की थी। कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी दी है। राजनीति के चक्कर में उन्होंने अपने ही धर्म पर घोर आपत्तिजनक बातें कहीं हैं।
स्वामी प्रसाद का पुतला दहन किया
वाराणसी के नदेसर स्थित विवेकानंद प्रतिमा के सामने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन हुआ। स्वामी प्रसाद का 10 सिर वाला रावण रूपी पुतला दहन किया। इस दौरान लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य मुर्दाबाद के नारे लगाए।
रामचरित मानस बकवास, बैन लगना चाहिए:सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य
बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया। मौर्य ने रविवार को कहा- कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। मौर्य ने आगे और क्या कहा, सिलसिलेवार पढ़ें...
बता दें कि 10 दिन पहले बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी धर्मग्रंथ के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। तब उन्होंने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाली हिंदू धर्म की पुस्तक बताया था।
1.) विक्षिप्त ही ऐसा बयान दे सकता है: भूपेंद्र चौधरी
भूपेंद्र चौधरी ने मौर्य पर पलटवार करते हुए कहा, "इस तरीके का बयान कोई विक्षिप्त आदमी ही दे सकता है। सपा का इतिहास ऐसा ही रहा है। कभी कावड़ यात्रा और DJ पर प्रतिबंध करने का काम करने वाली सपा के नेता आतंकवादियों का साथ दिया करते थे।"
2.) मौर्य ने रामचरित मानस को पढ़ा नहीं: अपर्णा
अपर्णा ने कहा, "राम के बारे में ऐसे शब्द कहना निकृष्ट मानसिकता है। ऐसी बात करना किसी भी राजनेता को शोभा नहीं देता । ऐसा बयान उनके चरित्र का दर्पण है। जो ऐसे बयान देते हैं, इसका मतलब उन्होंने रामचरित मानस को पढ़ा ही नहीं है। राम जी समाज का एक उदाहरण हैं। लोग सोचते हैं कि उनका बेटा भी राम जी जैसे हो।"
3.) केंद्रीय मंत्री बोले- चौपाइयों का गलत अर्थ निकालते हैं कुछ नेता
केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा, "कुछ लोग चौपाई का अर्थ समझ नहीं पाते हैं, वो अपने हिसाब से मतलब लगा लेते हैं। कुछ ऐसी चौपाइयां हैं, जिसको लेकर लोग राजनीति करते हैं।
4.) 'ऐसे बयान करोड़ों लोगों की आस्था से खिलवाड़'
अखिल भारतीय हिंदू समाज के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी कहते हैं, "ये लोग करोड़ों लोगों की आस्था के साथ लगातार खिलवाड़ करते चले आ रहे हैं। मौर्य का बयान अपमानजनक है। केंद्र और प्रदेश सरकार इनपर कठोर कार्रवाई करे।
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