श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के लिए वाराणसी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी व्यस्तता के बीच भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ यूपी के चुनाव को लेकर मंथन किया। संगठन से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विधायकों का 5 साल का रिपोर्ट कार्ड देखें। जनता के बीच उनकी पहुंच और लोकप्रियता का फीडबैक संगठन के स्तर से और स्वतंत्र रूप से लिया जाए।
इसके बाद कामकाज और लोकप्रियता की मेरिट के आधार पर उम्मीदवार तय करें। उम्मीदवारी तय करने में किसी की पैरोकारी या भाई-भतीजावाद कतई न करें।
उतरें सड़क पर और परियोजनाएं पूरी कराएं
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री ने संगठन के नेताओं से यह भी कहा है कि भाजपा के विधायक और सांसद अपने क्षेत्र की विकास परियोजनाओं पर खुद को फोकस करें- 'देखें कि कहां किस काम में किस वजह से देरी हो रही है। जो भी दिक्कत आ रही है, उसके लिए प्रशासन और शासन के स्तर पर भागदौड़ कर दूर कराएं। विकास परियोजनाएं लंबित नहीं रहनी चाहिए। सड़क, बिजली, पानी और आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित जनता की समस्या की अनदेखी न करें। लोगों की समस्याओं का समाधान ही नेता के सदन तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करता है'।
जनता के बीच रहें, संवाद की कड़ी न टूटे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र देते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों से लेकर जो भी जनप्रतिनिधि हैं वह लगातार जनता के बीच बने रहें- 'संगठन के लोग अपनी अलग उपस्थिति बरकरार रखें। अपने क्षेत्र की जनता से रोजाना संवाद की कड़ी टूटना नहीं चाहिए। गांवों, कस्बों, मोहल्लों और कॉलोनियों में छोटी-छोटी चौपालें लगाकर प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताएं। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर सक्रिय रहें। विपक्षी दलों के नेताओं से होने वाली गलतियों पर पैनी नजर रखते हुए संयमित तरीके से उसे जनता के बीच ले जाएं'।
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