वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में मुकदमों की विवेचना में लापरवाही बरतने वाले दरोगाओं के खिलाफ कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने कमिश्नरेट के अलग-अलग थानों के 24 ऐसे दरोगाओं को चिह्नित किया है, जिन्होंने बीते 2 महीनों के दौरान एक भी केस डायरी में नहीं लिखा था। इनमें 10 चौकी प्रभारी भी शामिल हैं। कमिश्नर ने काशी और वरुणा जोन के डीसीपी को इन लोगों खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
चार थानों के दरोगा सबसे ज्यादा लापरवाह
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने रविवार को दैनिक भास्कर को बताया कि 8 थानों के 24 दरोगाओं की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। इनमें मंडुवाडीह थाने के 5 और लंका, भेलूपुर व सारनाथ थाने के 4-4 दरोगा शामिल हैं। इसके अलावा चितईपुर, सिगरा व कैंट थाने के 2-2 दरोगा और लालपुर पांडेयपुर थाने का 1 दरोगा को विवेचना में लापरवाही के मामले में चिह्नित किया गया है। यह सभी 24 दरोगा विवेचना के काम में बड़ी लापरवाही बरत रहे थे।कमिश्नर के मुताबिक इनमें जो 10 चौकी प्रभारी हैं, उनको पद से हटाया जाएगा।
विवेचना में अनावश्यक देरी थानेदारों के लिए ठीक नहीं
पुलिस कमिश्नर ने कमिश्नरेट के थानेदारों को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि मुकदमों की विवेचना में अनावश्यक देरी करना ठीक नहीं है. आगे ऐसा होने पर थानेदार कार्रवाई के लिए तैयार रहें। अगर कोई दरोगा लापरवाही करता है तो माना जाएगा कि थानेदार सही से निगरानी नहीं कर रहा है।
कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने आदेश दिया है कि थानेदार अपने थाने के सभी चौकी प्रभारियों और दरोगाओं को हर हफ्ते टास्क दें और इसके बाद उनसे पूछें कि रिजल्ट क्या रहा। काम में लापरवाही बरतने वाले दरोगा या चौकी इंचार्ज की रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारियों को भेजें। पुलिस कमिश्नर का यह भी कहना है कि वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के संबंध में भी कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
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