वाराणसी में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं और छात्रों के धरना-प्रदर्शन के कारण पुलिस हांफती नजर आई। सामने घाट, कलेक्ट्रेट और मैदागिन में हुए प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। धरना-प्रदर्शन का सिलसिला खत्म होने पर दोपहर 2 बजे के बाद कमिश्नरेट की पुलिस ने राहत की सांस ली।
गंगा में अर्धनग्न होकर खड़े हुए सपाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने सामने घाट में गंगा के पानी में अर्धनग्न अवस्था में खड़े होकर थाली बजाकर बेरोजगार दिवस के तौर पर मनाया। समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के महानगर सचिव अमन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री की गलत नीतियों की वजह से देश में बेरोजगारी चरम पर है। वह हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का दावा किए थे, लेकिन यहां तो जो नौकरी कर रहे हैं वह भी बेरोजगार हो रहे हैं। बनारस, प्रदेश और देश के युवाओं को प्रधानमंत्री ने जिस तरीके से गुमराह कर बेरोजगारी बढ़ाई है, उसी के विरोध में हम सभी मां गंगा की गोद में खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य यही है कि जनता अब जागे। भाजपा को 2022 में उत्तर प्रदेश से और 2024 में केंद्र से हटाना हम सबका लक्ष्य है।
नंदी ने माफी नहीं मांगी तो काशी में घुसने नहीं देंगे
जनसत्ता लोकतांत्रिक दल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ अधिवक्ता कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदेश के नंद गोपाल गुप्ता नंदी का पुतला फूंकने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। सभी का कहना था कि मंत्री नंदी ने हमारे नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। यदि मंत्री नंदी अपनी टिप्पणी वापस लेकर क्षमा नहीं मांगे तो हम सभी उन्हें काशी में प्रवेश नहीं करने देंगे। इस संबंध में हमारी ओर से पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को पत्रक भी दिया गया है। मंत्री नंदी को अपनी टिप्पणी हर हाल में वापस लेनी ही होगी।
सैकड़ों छात्र जुटे कॉलेज के गेट पर
हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के गेट के प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि आज एंट्रेंस एग्जाम था। महाविद्यालय प्रशासन ने एक पाली का पेपर कराया और फिर दोपहर 1 बजे अचानक नोटिस चस्पा कर दी कि दूसरी पाली का पेपर नहीं होगा। दूरदराज से आए हुए छात्रों के साथ यह अन्याय है और कॉलेज प्रशासन ने गलत किया है। यदि पेपर निरस्त करना था तो पहली पारी की परीक्षा भी नहीं होनी चाहिए थी और इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए थी। आक्रोशित छात्रों को कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने किसी तरह से शांत कराया और आश्वस्त किया कि महाविद्यालय प्रशासन से बातचीत कर जल्द ही परीक्षा की नई तिथि घोषित की जाएगी।
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