स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ वाराणसी की न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम ऋचा शर्मा की अदालत में शनिवार को आपराधिक परिवाद दायर किया गया। यह परिवाद अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दायर किया है। उन पर सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग पर फहराए गए तिरंगे में एडिटिंग कर तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट करने का आरोप है।
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग पर फहराए गए तिरंगे की तस्वीर को एडिट किया गया था। इसमें बदलाव करके भाजपा का झंडा लगाकर कुणाल कामरा ने ट्वीट किया था। परिवाद में ट्विटर को पब्लिक प्लेटफार्म बताते हुए कॉमेडियन कुणाल कामरा के ट्वीट को भारतीय राष्ट्रीय झंडे का अपमान बताया गया है।
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दिया था आदेश
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि इस मामले में पहले FIR दर्ज करने के लिए दायर आवेदन को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर खारिज कर दिया था। फैसले में कहा गया था कि वाराणसी की कोर्ट को इस मामले को देखने का क्षेत्राधिकार नहीं है। वाराणसी सत्र न्यायालय ने न्यायिक मजिस्ट्रेट पहले के फैसले को निगरानी याचिका में बरकरार रखा गया था।
अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत के द्वारा निगरानी याचिका में दिए फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 28 अप्रैल को अपने फैसले में सौरभ तिवारी को आरोपी कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ दंड आपराधिक परिवाद दर्ज करने की छूट देते हुए याचिका को निस्तारित किया था।
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