वाराणसी में आज पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बिहार निवासी दो सगे भाई 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखे थे। दोनों बदमाशों के अलावा उनके दो अन्य भाई और उनका पिता भी अपराध से जुड़ा है। बिहार पुलिस के अनुसार, चारों भाई कम समय में बहुत पैसे वाला अमीर बनना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा था।
11 साल पहले इन बदमाशों पर समस्तीपुर जिले के मोहिद्दीनगर थाने में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद चारों एक के बाद एक वारदात को अंजाम देने लगे। हत्या और सरकारी असलहे लूटने के साथ ही बैंक से पैसा लूटने के लिए चारों भाई और उनका गिरोह पूरे बिहार में कुख्यात है। 13 दिन पहले भाइयों ने मिलकर वाराणसी में दरोगा के सीने में गोली मारकर पिस्टल लूटी थी। इससे पहले भी पुलिस की 3 पिस्टल और एक रिवॉल्वर लूट चुके थे।
पटना में 9 सितंबर को कोर्ट से हुए थे फरार
वाराणसी के जगतपुर क्षेत्र में बीती 8 नवंबर की शाम दरोगा अजय यादव को गोली मार कर तीन बदमाशों ने सरकारी पिस्टल, 10 कारतूस, मोबाइल और पर्स लूट लिए थे। वारदात में वांछित बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिद्दीनगर थाना के गोलवा का रहने वाला रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और उसका भाई मनीष सिंह आज वाराणसी में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। वहीं, दोनों का एक अन्य भाई लल्लन सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
पुलिस के अनुसार, रजनीश, मनीष और लल्लन 9 सितंबर 2022 को पटना की बाढ़ जिला अदालत के टॉयलेट की दीवार फांदकर फरार हो गए थे। तभी से बिहार पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पटना से भाग कर तीनों भाई वाराणसी में मंडुवाडीह क्षेत्र में शरण लिए थे।
2017 में लूटे थे बैंक से 60 लाख रुपए
बिहार पुलिस के अनुसार, रजनीश, मनीष, लल्लन और राजेश के आपराधिक काम में उनका पिता शिव शंकर सिंह भी मदद करता है। चारों भाइयों ने अपने पिता और गिरोह के साथियों की मदद से 6 मार्च 2017 को पटना के बेलछी थाना के बाघाटिलहा गांव के पास पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से दिनदहाड़े 60 लाख रुपए लूट लिए थे।
2017 में दो गार्ड, ड्राइवर और 2016 में दो दरोगा और जमादार की हत्या की
6 मार्च 2017 को बैंक में लूट की घटना को अंजाम देने के दौरान बैंक के गार्ड योगेश्वर पासवान, सुरेश सिंह और वाहन चालक अजीत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बदमाशों से 45 लाख रुपए बरामद कर लिया था। उससे पहले इन बदमाशों ने वर्ष 2016 में बिहार में दो दरोगा की हत्या और एक जमादार को गोली मारकर तीन सरकारी पिस्टल और एक रिवाल्वर लूट ली थी।
वाराणसी में पनाह देने वालों की तलाश शुरू
बिहार की कोर्ट से तीनों भाई फरार हुए तो वाराणसी आकर रहने लगे। वाराणसी में तीनों को पनाह देने में अहम भूमिका किसकी थी, पुलिस इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। इसके अलावा पटना से तीनों को वाराणसी पहुंचने में किसने मदद की, इस बिंदु की भी जांच की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि बिहार पुलिस का पूरा सहयोग किया जाएगा। मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों के संबंध में हमें जो भी जानकारी मिली है हम बिहार पुलिस को उपलब्ध कराएंगे।
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