वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शुक्रवार यानी जुमे के दिन 1200 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ने पहुंच गए। हालात यह हो गए कि पहली बार ज्ञानवापी हाउसफुल हो गई। बाहर भी भारी भीड़ जुटी रही। इसके बाद मसाजिद कमेटी ने तुरंत मेन गेट बंद कर दिया। लाउडस्पीकर पर लोगों से दूसरी मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अपील की गई। उधर, जुमे को देखते हुए सुबह से ही वाराणसी में हाई अलर्ट कर दिया गया था। ज्ञानवापी के बाहर एहतियातन भारी संख्या में कमांडो और फोर्स को तैनात किया गया है।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्य का कहना है कि ज्ञानवापी की क्षमता लगभग 700 लोगों की है। अंदर जगह फुल हो गई है। इसलिए अब और लोग ज्ञानवापी न आएं।
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जितने नमाजी पहुंचे, उतने आमतौर पर नहीं आते थे
कोर्ट के पहले ज्ञानवापी का सर्वे शुरू होने के पूर्व आमतौर पर यहां इतने लोग नमाज पढ़ने नहीं आते थे। सर्वे के बाद से यहां काफी भीड़ उमड़ रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि 6 मई को जब सर्वे शुरू हुआ था, तब पहली बार भारी संख्या में नमाजी आए थे। इसके बाद आज जुमे पर काफी भीड़ देखी गई है। इससे पहले करीब 400 लोग ही नमाज पढ़ने आते थे।
सुबह अपील की थी- यहां ज्यादा लोग न आएं
ज्ञानवापी में सर्वे विवाद के बाद जुमे पर ज्यादा भीड़ आने की उम्मीद पहले से ही थी। इसे लेकर ज्ञानवापी की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन ने मुस्लिम समाज के लोगों से कम से कम संख्या में आने की अपील की थी।
यासीन ने कहा, "हमने लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा संख्या में ज्ञानवापी मस्जिद न आएं, बल्कि, अपने घर के आस-पास की मस्जिदों में ही जुमे की नमाज अदा कर लें।"
उधर, पुलिस-प्रशासन के अफसर भी मुस्लिम समाज के लोगों के संपर्क में रहे। किसी भी तरह की कोई गड़बड़ न हो। इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिक्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) अलर्ट मोड पर है।
1,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए
दरअसल, वजूखाने और टॉयलेट को कोर्ट के आदेश से सील कर दिया था। इसके बाद आज पहला जुमा था। चौक सहित मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस अधिकारियों ने गश्त किया। ज्ञानवापी का वजूखाना सील होने के कारण नमाजियों के लिए प्रशासन की ओर से 1,000 लीटर के दो ड्रम पानी भरकर रखे गए।
सर्वे के बाद सील किया गया था वजूखाना
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए अदालत के आदेश पर कमीशन गठित किया गया था। सर्वे के आखिरी दिन यानी 16 मई को ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में पत्थर की ठोस संरचना को लेकर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया था। हिंदू पक्ष के अनुरोध के आधार पर अदालत ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष का कहना है वजूखाने में शिवलिंग नहीं है, बल्कि पुराना फव्वारा है।
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