जमीन और गोल्ड में निवेश के साथ ही टूर पैकेज के नाम पर 10 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी का आरोपी नीलगिरी इंफ्रॉसिटी कंपनी का मालिक आज से 3 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर है। विकास के साथ उसके मैनेजर प्रदीप यादव को भी पुलिस ने रिमांड पर लिया है। 39 मुकदमों के आरोपी विकास और उसके मैनेजर प्रदीप से पूछताछ के लिए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने 100 प्रश्नों की सूची तैयार की है। आरोपियों से पूछताछ में CA और इंकम टैक्स एक्सपर्ट की मदद भी पुलिस ने ली है।
क्यों गया विदेश बता नहीं पाया
कोरोना महामारी शुरू होने से पहले विकास सिंह 3 से 4 साल के भीतर 26 बार थाइलैंड, मलेशिया, मालद्वीप और यूरोप के देशों की यात्रा किया था। ताबड़तोड़ विदेश यात्रा का उद्देश्य क्या था, प्रारंभिक पूछताछ में विकास पुलिस को नहीं बता पाया। विकास वाराणसी में रहता है और हिमाचल प्रदेश से लाखों रुपए के लग्जरी वाहन Range Rover का रजिस्ट्रेशन क्यों कराया था, इस संबंध में भी वह पुलिस को कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दे सका। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फिलहाल विकास पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है, लेकिन उसे जवाब तो देना ही पड़ेगा।
पार्टी के नाम पर लाखों उड़ाया
SIT की तफ्तीश में सामने आया है कि लोगों से जालसाजी कर उनके रुपए हड़पने वाला विकास अपने करीबियों के साथ होटलों में पार्टियों पर लाखों खर्च किया था। वह हर छोटी-बड़ी बात पर महंगे होटलों में पार्टी देता था और जमकर पैसे उड़ाता था। SIT में शामिल एक अफसर ने कहा कि हमारे सवालों के चक्रव्यूह से विकास और उसका मैनेजर बच नहीं पाएगा। दोनों से उनकी संपत्तियों और जालसाजी से जुड़े कागजातों को बरामद कराना है। पुलिस अभी दोनों से उनकी संपत्तियां चिह्नित कराने के लिए उन्हें लखनऊ, बिहार, झारखंड और गुजरात भी ले जाएगी।
30 अगस्त को भेजे गए थे जेल
नीलगिरी इंफ्रॉसिटी कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, उसकी पत्नी एमडी ऋतु सिंह और मैनेजर प्रदीप सिंह को चेतगंज थाने की पुलिस ने बीती 30 अगस्त को गिरफ्तार किया था। विकास और ऋतु के अलावा उनके करीबियों पर धोखधड़ी सहित अन्य आरोपों में चेतगंज सहित अन्य थानों में 39 मुकदमे दर्ज हैं। विकास और ऋतु की जालसाजी का सिलसिला साल 2016 से चल रहा था। राजनीतिक गलियारों में पैठ और पुलिस से मिलीभगत होने के कारण दोनों का बाल बांका भी नहीं हो पाता था। हालांकि पुलिस कमिश्नर का सख्त रुख दोनों को बचा न पाया और अब वह सलाखों के पीछे हैं।
उधर, पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि भोलेभाले लोगों की जीवन भर की मेहनत की कमाई को विकास और उसकी करीबियों ने गिरोह बनाकर लूटा है। दोनों किसी भी सूरत में बच नहीं पाएंगे। पुलिस उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में अदालत में आरोप पत्र जल्द दाखिल करेगी और कड़ी से कड़ी सजा की अपील करेगी। गौरतलब है कि विकास और ऋतु के फर्जीवाड़े की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से भी की जा रही है।
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