वाराणसी में बिजली कर्मियों के धरने का तीसरा दिन:शहर से लेकर गांव तक कई इलाकों में गुल रही बिजली; लोग हुए परेशान

वाराणसी6 महीने पहले
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बिजली कर्मी अपने धरने के तीसरे दिन ढोलक बजा कर लोकगीत गाकर प्रदर्शन किए। - Dainik Bhaskar
बिजली कर्मी अपने धरने के तीसरे दिन ढोलक बजा कर लोकगीत गाकर प्रदर्शन किए।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले वाराणसी में बिजली कर्मी लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भी धरना दिया। आज भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर ढोलक बजाकर लोकगीत के माध्यम से अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, बिजली कर्मियों के कामकाज ठप करने के कारण शहर से लेकर गांव तक कई इलाकों में बिजली गुल है और लोग परेशान हैं। फाल्ट की शिकायत तो सुनी जा रही है कि लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

बिजली कर्मचारी लगातार तीन दिन से धरना दे रहे हैं। इसके चलते वाराणसी के कई इलाकों की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है।
बिजली कर्मचारी लगातार तीन दिन से धरना दे रहे हैं। इसके चलते वाराणसी के कई इलाकों की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है।

ऊर्जा मंत्री की चिंता का स्वागत करते हैं

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के कर्मचारी नेताओं ने कहा कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा द्वारा हमारे कार्य बहिष्कार आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करने का हम स्वागत करते हैं। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ऊर्जा निगमों में काम का स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनाने के लिए प्रयासरत है।

बिजली कर्मियों ने कहा कि जनता को जो परेशानी हो रही है उसके लिए ऊर्जा निगमों का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है।
बिजली कर्मियों ने कहा कि जनता को जो परेशानी हो रही है उसके लिए ऊर्जा निगमों का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है।

वहीं, ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का रवैया इतना स्वेच्छाचारी है कि वह ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप काम करने के लिए तैयार नहीं है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन खासकर चेयरमैन ने नकारात्मक और भय का वातावरण बना रखा है।

ऊर्जा निगमों में स्वेच्छाचारिता समाप्त करने और काम का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने के लिए बिजलीकर्मी लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। आज हमारे कार्य बहिष्कार का तीसरा दिन है।

बिजली कर्मियों ने कहा कि हम मजबूरन शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए बाध्य हुए हैं।
बिजली कर्मियों ने कहा कि हम मजबूरन शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए बाध्य हुए हैं।

मजबूरी में कार्य बहिष्कार शुरू करना पड़ा

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के दमनात्मक रवैय्ये से बिजली कर्मियों में इतना गुस्सा है कि वे मजबूरन अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू करने के लिए बाध्य हुए हैं। बिजली कर्मियों ने ऊर्जा मंत्री की अपील को देखते हुए कार्य बहिष्कार से उन सभी जनपदों के बिजली कर्मियों को अलग रखा है जहां आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है।

साथ ही, बिजली उत्पादन घरों, पारेषण उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण उपकेंद्रों की शिफ्ट में कार्यरत बिजली कर्मियों को भी कार्य बहिष्कार से अलग रखा है। ताकि बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप न हो और आम जनता को तकलीफ न हो।

बिजली कर्मियों ने कहा कि हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजली कर्मी पर कोई दमनात्मक कार्रवाई की कोशिश की गई तो उसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
बिजली कर्मियों ने कहा कि हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजली कर्मी पर कोई दमनात्मक कार्रवाई की कोशिश की गई तो उसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।

कई जिलों की बिजली व्यवस्था हुई प्रभावित

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हमारे कार्य बहिष्कार आंदोलन के कारण आज कई जिलों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है। इसमें लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, सहारनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर और चित्रकूट प्रमुख जिले हैं। हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन से आम जनता को कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है। यदि शांतिपूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजली कर्मी पर कोई दमनात्मक कार्रवाई करने की कोशिश की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।

आज की सभा की अध्यक्षता ई. राजेश यादव ने और संचालन राजेंद्र सिंह ने किया। सभा को ई. संजय शर्मा, डॉ. आरबीसिंह, सुनीता मजूमदार, ई. सियाराम यादव, सुनील कुमार, अरविंद सिंह, अभिषेक श्रीवास्तव, रामकुमार झा, रामसखी राय, संतोष वर्मा, तपन चटर्जी, ई. पीके गुप्त, विजय सिंगज, मोनिका केसरी, गुलाबचंद, ई. मुरलीधर, अनिल कुमार, हेमंत श्रीवास्तव, ई. सुनील चौधरी, ई. श्रीपति तिवारी ने संबोधित किया।

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