वाराणसी में रात की ठंड अब सहन नहीं हो रही है। रात को बाहर निकलने में कंपकंपी महसूस होने लगी है। वहीं दिन की धूप अब सुहानी हो गई है। खासकर, पर्यटकों के देशाटन के लिए यह सबसे अनुकूल मौसम बन चुका है। बड़ी संख्या में घरेलू पर्यटक काशी में मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं।
वाराणसी में सुबह से ही सूरज की चमकीली किरणें पड़ने लगी हैं, मगर इससे ठंड की सिहरन नही कम हो रही है। समय जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, धूप बेअसर होती चली जा रही है।
सर्द-गरम से बीमारियों की आशंका
आज दिन और रात के तापमान में करीब 15°C का बड़ा अंतर दर्ज किया गया। लिहाजा, इस तरह के मौसम में सर्द-गरम वाली बीमारियों के बढ़ने की काफी संभावना बनी है। हर साल की स्थिति में इस बार ठंड थोड़ी ज्यादा है। वहीं आने वाले समय में कड़ाके की ठंड उत्तर भारत में पड़ने वाली है।
तापमान तो सामान्य से 3°C कम
आज बनारस का औसत तापमान 17.4°C बना है। वहीं रविवार को न्यूनतम तापमान 15°C और अधिकतम 30°C तक गया था। न्यूनतम तापमान तो सामान्य से 3°C कम, जबकि अधिकतम 1°C कम दर्ज किया गया। सबसे खास बात है कि इस समय मौसम में भी हवा की नमी 90% तक बनी है।
गंदगी न होने दें
मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान के मुताबिक, वाराणसी में ठंड का आगमन तो हो चुका है। लेकिन, पारा अब धीरे-धीरे लुढ़केगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून का देरी से जाना ठंड में देरी का कारण बन सकता था। मगर अभी तक ऐसा हुआ नहीं। हालांकि, अभी वाराणसी में चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया आदि बुखारों के मरीज पाए जा रहे हैं। इसके पीछे वजह मानसून का बार-बार सक्रिय होना था। उन्होंने कहा कि ऐसे मौसम में मच्छरों वाले कोई रोग नहीं होते थे, मगर बारिश का अक्टूबर तक हो जाना ऐसी समस्याओं को जन्म दे रहा है। प्रो. श्रीवास्तव ने सावधान किया कि गंदगी न होने दें और मच्छरों से बचें, वरना समस्या बढ़ सकती है।
AQI 98 अंक पर
आज एयर क्वालिटी इंडेक्स में वाराणसी को 98 अंक मिले हैं। शहर में सबसे प्रदूषित हवा अर्दली बाजार की रही। जहां का AQI 112 अंक तक दर्ज किया गया। वहीं इसके बाद मलदहिया में 99 अंक, भेलूपुर में 94 अंक और BHU में 89 अंक तक प्रदूषण का स्तर रहा।
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