श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को नव्य-भव्य स्वरूप देने के बाद अब गर्भगृह की दीवारों को स्वर्ण मंडित कराया जाएगा। इसमें स्वर्ण शिखर के नीचे की बाहरी दीवारों पर भी सोने के पत्तर मढ़े जाएंगे। साथ ही बैकुंठ महादेव का शिखर भी स्वर्ण मंडित किया जाएगा। इसके लिए मिल रहे प्रस्तावों को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह की भीतरी व बाहरी दीवारों की नाप-जोख करानी शुरू कर दी है।
50 करोड़ के करीब होगा खर्च
इस कार्य में करीब 50 करोड़ रुपए का खर्चा आने का अनुमान लगाया जा रहा है। बांस-बल्ली बांध कर स्वर्णकारी से जुड़े कारीगरों ने इसमें लगने वाले सोने का आकलन भी किया। माना जा रहा है कि दिल्ली के एक बड़े स्वर्ण कारोबारी ने इसके लिए पहल की है। इस दिशा में लगभग एक दशक पहले ही योजना बनाई गई थी।
पूर्व में दीवार भार वहन क्षमता के चलते प्रस्ताव को कर दिया गया था खारिज
इसे श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की बैठक में पारित किया गया था। दीवारों की भार वहन क्षमता परखने के लिए बीएचयू आईआईटी के विशेषज्ञों और सीबीआरआई से परीक्षण कराया गया था। इसमें रिपोर्ट में विभिन्नता को देखते हुए योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। ऐसे में शासन स्तर पर ही इसे खारिज कर दिया गया था। अब हाल ही में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नव्य भव्य परिसर के लोकार्पण से पहले गर्भगृह की दीवारों को दुरूस्त कर लिया गया है।
काम के लिए विशेषज्ञ कंपनी लगी हुई है
इस काम के लिए विशेषज्ञ कंपनी लगी हुई है। ऐसे में अब बाबा दरबार का विस्तार व सुंदरीकरण के बाद मंदिर प्रशासन गर्भगृह की दीवारों को स्वर्ण मंडित करने की सोच को मूर्त रूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि प्रस्ताव आए हैं। इस आधार पर बाबा के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। मंडलायुक्त व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने बताया कि बाबा के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने की योजना है। इसकी प्रक्रिया तेज हो गई है। जल्द ही बाबा का गर्भगृह के आंतरिक और बाहरी दीवारों पर स्वर्ण परत मढ़ी जाएगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.