वाराणसी के सिगरा स्थित इंटरनेशनल रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में आयोजित शाम-ए-बनारस कार्यक्रम में पहुंचे पंकज उधास ने अपनी गजल के माध्यम से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। रात करीब 8 बजे से कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन से होने के बाद एक के बाद एक गजल पंकज ने गाए। कार्यक्रम का शुभारंभ मीराबाई की भजन पायो जी मैंने राम रतन धन पायो... से की। रात 11 बजे तक चले कार्यक्रम में उन्होंने श्रोताओं को एक से बढ़ कर एक भजन और गजल को सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया।
इन बेहतरीन नगमों को भी सुनाया
इसके बाद उन्होंने अपने चुनिंदा गजल निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है... उसके बाद न फूल चढ़ाऊं न माला चढ़ाऊं ये गीतों की गंगा मैं तुझको चढ़ाऊं। मेरा सुर सजे ये वरदान मांगू ...। सबको मालूम है मैं शराबी नहीं, फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूं। इक तू ही धनवान है गोरी बाकी सब कंगाल सहित तमाम नगमें पंकज उधास ने प्रस्तुत किए।
काशी मोक्ष की नगरी है, धन्य हैं यहां रहने वाले लोग
प्रसिद्ध गजल गायक पद्मश्री पंकज उधास ने रामनवमी के अवसर पर रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में आयोजित शाम-ए-बनारस कार्यक्रम के दौरान कहा कि काशी मोक्ष की नगरी है और जहां काशी विश्वनाथ धाम हो तो वहां रहने वाले लोग धन्य हैं। जो बाबा के करीब होते हैं वे बड़े खुशनशीब होते हैं। भगवान राम कभी भी स्त्री व पुरुष में भेद नहीं करते थे और समाज में व्याप्त ऊंच-नीच का भेद भी नहीं करते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के कल्याण में लगाया। हमारी कामना है कि देश आगे बढ़े और समृद्धि करने के लिए सभी समान रूप से ईमानदारी के साथ समाजहित में कार्य करें। प्रत्येक व्यक्ति की सफलता अपनी क्षमताओं पर निर्भर करती है।
हरहर महादेव से गूंजा रुद्राक्ष
शहर के सैकड़ों लोगों से खचाखच भरा रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर तालियों और हर हर महादेव की गूंज से गूंजता रहा। रुद्राक्ष के बाहर भी सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम के लाइव टेलिकास्ट का भी लुफ्त उठाया।
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