उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने मंगलवार को वाराणसी स्थित IIT-BHU में अपने पिता की याद में आदित्य कुमार अवस्थी इंडोमेंट अवॉर्ड की शुरूआत की। अवनीश अवस्थी ने अपनी पत्नी लोक गायिका मालिनी अवस्थी और दोनों भाई अमेरिकी IBM के निदेशक आशीष अवस्थी व मनीष अवस्थी के साथ संस्थान के एनी बेसेंट हॉल में एकमुश्त 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। अवनीश अवस्थी ने कहा कि इसके तहत मैटलर्जी विभाग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र को 1 लाख तक की धनराशि दी जाएगी। इस राशि पर मिलने वाले ब्याज से हर साल दीक्षांत समारोह में इस विभाग के छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।
मिस्टर अवस्थी इज अ वेरी हार्ड वर्किंग, सिन्सियर एंड इंटेलीजेंट स्टूडेंट
उन्होंने कहा कि अपने पिता पर महामना मालवीय जी की छाप रही। संस्थान के मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग विभाग से 1949 में उन्होंने बीटेक किया था और इस साल मई में कोरोना के चलते लखनऊ में निधन हो गया था। कार्यक्रम की शुरूआत अवनीश अवस्थी ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन करके किया। इस दौरान IIT-BHU के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन, धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी समेत वाराणसी के सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। अवनीश अवस्थी ने कहा कि उनके पिता के व्यक्तित्व पर महामना का काफी गहरा प्रभाव पड़ा। उस समय के प्रिसिंपल डी. स्वरूप ने लिखा था कि मिस्टर अवस्थी इज अ वेरी हार्ड वर्किंग... सिन्सियर एंड इंटेलीजेंट स्टूडेंट...।
BHU में बीटेक के दौरान ही भारत हुआ आजाद
बताया कि पिताजी 4 साल बाद इंजीनियरिंग की उपाधि मिली तब देश आजाद हो चुका था। उस समय देश के पहले स्टील प्लांट की राउरकेला में स्थापना हो रही थी, जिसके प्रशिक्षण के लिए उन्हें जर्मनी भेजा गया। 6 साल बाद भारत वापस लौटे तो उन्होंने सेल और बोकारो स्टील प्लांट में काम किया। उन्होंने बालासोर में टैंक के नीचे बेस कटिंग बनाने में भी योगदान दिया। वह बनारस के बरेका में भी रेल की बोगी की कास्टिंग के लिए आते रहते थे। इस दौरान IIT-BHU के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि यह संस्थान के साथ चलने वाला एक आजीवन सम्मान है। हम संस्थान के सभी लोग इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
पुरा छात्र संस्थान की सबसे बड़ी पूंजी
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि पुरा छात्र संस्थान की सबसे बड़ी पूंजी हैं। संस्थान पूरे विश्व भर में फैले अपने पुरा छात्रों से लगातार संपर्क कर रहा है ताकि उनके अनुभवों और ज्ञान को वर्तमान छात्रों के साथ साझा कर सकें। उन्होंने बताया कि विश्व के विभिन्न कोनों से लगभग 16 पुरा छात्र वर्तमान के छात्रों को विभिन्न कोर्स को पढ़ा भी रहे हैं और उनसे अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।
इस मौके पर आईजी रेंज वाराणसी एसके भगत, एडीजी वाराणसी बृजभूषण, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, महंत संकटमोचन मंदिर और इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र, अधिष्ठाता रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोफेसर राजीव प्रकाश, अधिष्ठाता शैक्षणिक कार्य प्रोफेसर एसबी द्विवेदी, सह अधिष्ठाता प्रोफेसर एसके दूबे, मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील मोहन, कुलसचिव राजन श्रीवास्तव समेत सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, अधिकारी, मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग के शोध छात्र आदि उपस्थित रहे।
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