वाराणसी में एक महिला की करंट लगने से मौत हो गई। महिला तीन बच्चों संग लंका थाने के पीछे बाढ़ राहत शिविर में रहने आई थी। घटना के बाद से बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। महिला के पति की मौत पहले ही हो चुकी है।
तीन दिन पहले घुसा था बाढ़ का पानी
वाराणसी के लंका थाना की गंगाबाग कॉलोनी में रूबी साहनी (38) अपनी मां बेबी, बेटी अंजली और बेटे अजय व कृष्णा के साथ किराये पर कमरा लेकर रहती थी। लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा का काम करने वाली रूबी के पति कल्लू की डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी। वाराणसी में इन दिनों गंगा उफान पर हैं।
गंगा के तटवर्ती इलाके में रहने के कारण बीती 26 जून को रूबी के कमरे में बाढ़ का पानी घुस गया था। इस वजह से रूबी अपने तीनों बच्चों और मां के साथ लंका थाने के पीछे बनाए गए सरकारी बाढ़ राहत शिविर में आज रहने आई थी। शिविर में लगे टेबल फैन को रूबी अपनी ओर घुमा रही थी।
उसी दौरान पंखे में उतरे करंट की चपेट में वह आ गई। शिविर के वॉलंटियर्स ने आनन-फानन पंखे को बंद किया और रूबी को लेकर अस्पताल गए। अस्पताल में डॉक्टरों ने रूबी को मृत घोषित कर दिया।
मां और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
पिता और फिर मां रूबी को खो चुके तीनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। तीनों बच्चों का बिलखना देख मौके पर आए लोग भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पा रहे थे। बहन की मौत की सूचना पाकर भाई विक्की साहनी भी राहत शिविर पहुंचा।
रूबी की मां बेबी ने कहा कि पता नहीं भगवान का क्या बिगाड़ी थी कि जो यह सब देखने के लिए जिंदा हूं। जब तक जिंदा हूं, तीनों बच्चों को पालूंगी। लोग तीनों बच्चों के साथ ही बेबी को भी ढांढस बंधा रहे थे।
स्थानीय लोगों के साथ ही घटनास्थल पर पहुंचे सपा नेता अमन यादव ने तीनों बच्चों की परवरिश के लिए जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। लंका थाने की पुलिस ने कहा कि महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद शव की अंत्येष्टि कराई जाएगी।
उधर, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि राहत शिविर अस्थायी था और आज वहां पंखा व लाइट लगाने की व्यवस्था की जा रही थी। उसी दौरान महिला पंखा घुमा रही थी और उसमें उतरे करंट की चपेट में वह आ गई। महिला के परिवार की उचित आर्थिक मदद की जाएगी।
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