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होली के रंग और गुलाल त्वचा के साथ-साथ आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर रंग आंखों में चला जाए, तो जलन होने लगती है। कुछ समय के लिए अंधापन या हमेशा के लिए भी अंधापन हो सकता है। सूखे रंगों के कण सीधे आंखों में प्रवेश कर सकते हैं जिससे समस्या पैदा हो सकती है। पिचकारी और पानी के गुब्बारों से भी आंखों को चोट पहुंच सकती है। सिंथेटिक रंगों में सीसे जैसे धातु मिले होते हैं, जिससे आंखों में एलर्जी, कंजंक्टिवाइटिस, केमिकल बर्न, कॉर्निया का घर्षण या कुंद आंख की चोट जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में एहतियात बरतना ज़रूरी है।
आंखों को ढंके
अगर कोई चेहरे पर रंग लगाता है तो आंखों को बंद कर लें। आंखों को हथेलियों से ढंकें। होली खेलते समय धूप का चश्मा पहन सकते हैं। यह रंग के साथ-साथ रंगीन पानी को भी आंखों में जाने से बचाएगा।
कॉन्टैक्ट लेंस ना पहनें
होली खेलते समय कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचें। अगर आप इसके बिना नहीं रह सकते, तो सुनिश्चित करें कि आपकी आंखों में रंग ना जाने पाए। अगर रंग आंख में चला जाता है, तो तुरंत लेंसेस को निकालें और आंखों को साफ़ पानी से धोएं।
आंखों को रगड़े नहीं
अगर रंग आंखों में चला जाता है, तो सबसे पहले इन्हें पानी से धोएं। अगर आंखों में जलन हो रही है, तो किसी भी कीमत पर इन्हें रगड़ने से बचें। आंख रगड़ने से स्थिति और बिगड़ जाएगी।
त्वचा पर तेल लगाएं
होली खेलने से पहले आंख के चारों ओर नारियल तेल लगाएं। तेल रंग को आंखों में प्रवेश करने से बचाएगा।
इनका रखें ध्यान
अगर आंखों में किसी प्रकार की जलन का अनुभव करते हैं और लगातार लालिमा, सूजन का दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। मुमकिन हो तो प्राकृतिक उत्पादों जैसे हल्दी, फूल आदि से बने रंगों से होली खेलें।
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