कुछ लोगों को पसीना अधिक आता है इसलिए दुर्गंध छिपाने के लिए उन्हें परफ्यूम या डिओडोरेंट का इस्तेमाल करना पड़ता है। वहीं कुछ लोग सिर्फ़ महकने और तरोताज़ा रहने के लिए इसे लगाते हैं। डिओडोरेंट और परफ्यूम कब और कहां लगाना उचित है, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। लिहाज़ा इससे जुड़ी कुछ ज़रूरी बातों पर अवश्य ग़ौर करें।
पहले लगाने के तरीके को जानें
जिन लोगों को बहुत पसीना आता है उन्हें डिओडोरेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। डिओडोरेंट सीधा शरीर पर लगाया जाता है इसलिए ये लंबे वक़्त तक टिका रहता है। स्नान करने के बाद शरीर को सुखाएं। ख़ासतौर पर अंडरआर्म्स क्योंकि सबसे अधिक पसीना और दुर्गंध इसी हिस्से से आती है। इसके बाद डिओडोरेंट लगाएं। इसको सूखने दें, उसके बाद कपड़े पहनें। वहीं परफ्यूम को हमेशा कलाई और कानों के पीछे हल्का-सा लगाएं। कपड़ों पर इसे नहीं लगाया जाता क्योंकि इससे दाग पड़ सकते हैं।
कब करना है इस्तेमाल?
अगर आप किसी शादी, पार्टी या किसी खुले स्थान पर जा रहे हैं तो वहां परफ्यूम का इस्तेमाल कर सकते हैं। किंतु अगर आप दफ़्तर, मीटिंग या किसी आधिकारिक काम के लिए जा रहे हैं तो केवल डिओडोरेंट का इस्तेमाल करें। परफ्यूम की महक बहुत तेज़ होती है जो कुछ को पसंद आ सकती है और कुछ को सुगंध की तीव्रता से सिर में दर्द हो सकता है। बेहतर होगा कि दफ्तर में डिओडोरेंट का इस्तेमाल करें। अगर परफ्यूम लगाना भी है तो बहुत कम मात्रा में लगाएं।
डिओडोरेंट व एंटीपर्सपिरेंट में अंतर
डिओडोरेंट गंध को रोकता है और एंटीपर्सपिरेंट पसीने को रोकने का काम करता है। दुर्गंध का सबसे बड़ा कारण पसीना है और एंटीपर्सपिरेंट्स वास्तव में पसीने को कम करने में मदद करते हैं। अगर आपको अधिक पसीना आता है तो एंटीपर्सपिरेंट्स का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
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