पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
अभी तो मैं साठ के उपर का बुज़ुर्ग हो चुका हूं। लेकिन मैं उन दिनों की बात बताने जा रहा हूं, जब मैं गबरु जवान था। मेरी नई-नई शादी हुई थी। मुझे होली खेलने का बहुत शौक़ था। शादी से पहले मैं सोचा करता था कि मैं अपनी साली के साथ होली ज़रूर खेलूंगा। मगर हाय री किस्मत! मेरे नसीब में साला है, न साली है, चारों धाम घरवाली है। लेकिन मुंहबोली सालियां कई थीं। पहली होली के लिए मेरी पत्नी मायके में थी। होली के दिन मैं ससुराल पहुंच गया। सोच कर गया था कि मुंहबोली सालियों के साथ होली खेलूंगा। मेरी पत्नी की एक बहुत ही सुंदर सहेली थी। वह अपने आप को श्रीदेवी समझती थी। मुझे जीजाजी कहकर बुलाती थी। उस श्रीदेवी जी को रंग लगाने का ख़्वाब देखते हुए मैंने पत्नी से कहा, ‘जल्दी से मुझे चाय पिला दो। मैं तुम्हारी उस सुंदर सहेली के घर होली खेलने जाऊंगा।’ मेरी बात सुनकर पत्नी ग़ुस्से से बोली, ‘तुम्हें शरम नही आई ऐसी बात कहते हुए। पराई लड़की के साथ होली खेलोगे।’ ‘तो क्या हुआ, लोग साली के साथ होली खेलते ही हैं। मैं भी खेलूंगा तो कौन सी आफत आ जाएगी।’ मैंने लापरवाही से कहा। चाय पी कर मैं मुंहबोली सालीजी के घर रंग - गुलाल लेकर पहुंच गया होली खेलने। मैंने इस बात की कल्पना नहीं की थी कि वहां मेरा सामना एक ऐसी शख़्सियत से होगा, जिससे मेरे सिर से साली के साथ होली खेलने का भूत उतर जाएगा। मैं जैसे ही उसके घर पहुंचा, मेरा सामना उसके अमरीश पुरी सरीखे बाप से हो गया। उनका लंबाचौड़ा डील-डौल देखकर मेरी तो सिट्टीपिट्टी गुम हो गई। मैंने रंग - गुलाल छिपा लिए। ‘क्या बात है, होली खेलने आए हैं क्या?’ उन्होंने रौबिली आवाज़ में पूछा। ‘जी.. जी.. अंकल, आपको रंग लगा कर आपका आशीर्वाद लेने आया था’, मैंने सकपकाते हुए कहा, ‘मेरे यहां बड़े-बुज़ुर्गों को होली के दिन रंग लगा कर आशीर्वाद लेने की परंपरा है।’ इतना कहकर मैंने उनके पैरों पर गुलाल लगाया और प्रणाम किया। उन्होंने भी मेरे माथे पर गुलाल लगाया और गुझिया खिला कर मुझे विदा कर दिया। मैं किसी हारे हुए जुआरी की तरह लौट आया। मेरा लटका हुआ चेहरा देख कर पत्नी सब समझ गई थी। फिर भी पूछ बैठी,‘क्या हुआ, साली से होली खेल आए?’ अब मैं क्या जवाब देता!
पॉजिटिव- इस समय निवेश जैसे किसी आर्थिक गतिविधि में व्यस्तता रहेगी। लंबे समय से चली आ रही किसी चिंता से भी राहत मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद तथा सकून दायक रहेगा। ...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.