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रंग ने जीवन में कितने रंग भरे हैं
रंग ने जीवन को रंगीन बनाया है और हमारी भाषा को रंगारंग बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह अकेला शब्द अपने में इतने अधिक अर्थों को समाए हुए है कि भाषा बहुरंगी हो उठती है। यही नहीं, रंग शब्द से जुड़े मुहावरों के चलते भाषा का रंग जम जाता है। ज़ाहिर है, रंग जमना भी एक मुहावरा ही है, जिसका अर्थ होता है, गहरा असर पड़ना। एक अन्य मुहावरे में कहें, तो धाक जमना। दिलचस्प यह कि हिंदी में रंग शब्द संस्कृत और फ़ारसी, दोनों से आया है। इसकी उत्पत्ति संस्कृत के रंज् से हुई है। रंज् से राग शब्द भी बना है। इससे मिलता-जुलता फ़ारसी का रंज शब्द है, जिसके अर्थ हैं- दुख, पीड़ा, खेद। ध्यान रहे कि इसमें ज पूरा है, उस पर हल चिह्न नहीं है। बहरहाल, संस्कृत रंज् को विज्ञान के विद्यार्थी रंजक शब्द में पहचान सकते हैं। रंजक और वर्णक उनके लिए सुपरिचित हैं। संस्कृत में रंग को वर्ण भी कहते हैं। वर्ण के अर्थ वर्ग, अक्षर, गुण, प्रकार आदि भी हैं। फ़ारसी भाषा में भी रंग है। उससे जुड़े कई शब्द हिंदी में प्रचलित हैं, जैसे- रंगीन, रंगत, रंगीनियत, रंगारंग, रंगरोगन, रंगरेज़, रंगीनमिज़ाज आदि। संस्कृत रंज् से बने रंग में वर्ण के अलावा कई अन्य अर्थ भी हैं। यह रूप आदि के कारण दिखने वाली शोभा, रौनक़ भी है। रंग आना, रंग चढ़ना, रंग पकड़ना इसी अर्थ से संबंधित हैं। अनुराग या प्रेम से भी इसका वास्ता है। किसी पर रंग डालना यानी उसे अपनी ओर अनुरक्त करना। रंग का अर्थ आनंद या मज़ा भी है। यह आनंद मनोविनोद या आमोद-प्रमोद से प्राप्त होता है। रंग में भंग करना मुहावरे में आप इस रंग को पहचान सकते हैं। रंग चूना और रंग टपकना में इस रंग का अर्थ सौंदर्य के साथ यौवन भी हो जाता है। रंग का मतलब गुण और प्रभाव भी होता है। रंग लाना और रंग दिखाना का अर्थ है, प्रभाव प्रदर्शित करना। एक दिन तुम्हारी मेहनत रंग लाएगी कहने में यही भाव है। अपने रंग में रंगना यानी अपने जैसा या अपने अनुसार बना लेना। रंग का एक अर्थ अद्भुत दृश्य और विलक्षण कार्य है। रंग के एक भिन्न अर्थ से आप परिचित ही होंगे और प्रयोग में भी लाते होंगे : अभिनय स्थल या नाट्य स्थल। रंगमंच, रंगशाला यानी वह स्थान जहां अभिनय और नृत्य-संगीत का प्रदर्शन होता है। इसी तरह नृत्य-गीत के उत्सव को भी रंग कहते हैं। रंग लड़ाई और युद्ध का एक अलग ही अर्थ देता है। रंगभूमि यानी युद्धभूमि। यह किसी की दशा, हालत या अवस्था भी है। रंग-ढंग में आप इस अर्थ को पहचान सकते हैं। रंग-बिरंग में रंग प्रकार का अर्थ देता है। इसके अलावा रांगा नामक धातु को भी रंग कहा जाता है। स्पष्ट है कि कई अर्थ रखने वाला रंग शब्द ख़ुद में बहुरंग है।
होली आई
कुछ दिन पहले लगभग ठूंठ हो चुके पेड़ पर अचानक नज़र पड़ी तो हैरानी से भरकर मैंने पूछा ये क्या हुआ ? लाल केसरिया पत्तियों की तालियां पीट - पीटकर टेसू मुस्कुराया ‘होली आई।’
हवा से बतियाना चाहा ख़ुशी से मेरे गालों को सहलाकर उसने कहा ‘फागुन आया।’
आम के बौर पक गए इमली लगी लटालूम कोयल का स्वर गा रहा फाग रसवंती रंगप्रिया के मन में उमड़ आया गहरा अनुराग।
मैंने भी बरसों पहले होली पर मिला रंग का एक क़तरा सहेज कर रखा है आज तक।
हर बरस रंग के समंदर में नहाती मैं अपने आप से कहती हूं ‘होली आई होली आई’
पॉजिटिव- इस समय निवेश जैसे किसी आर्थिक गतिविधि में व्यस्तता रहेगी। लंबे समय से चली आ रही किसी चिंता से भी राहत मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद तथा सकून दायक रहेगा। ...
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