किताबों की संभाल करें
किताबें पढ़ने की सलाह तो हम सभी को बचपन से मिलती आई हैं लेकिन हमने सिर्फ़ पढ़ने पर ध्यान दिया है, किताबों की संभाल पर नहीं। इस समय जब सभी फोन से दूरी और किताबों से नज़दीकी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में ये जानना बहुत ज़रूरी है कि इनका ख़्याल और देखरेख कैसे की जाए, तो आइए जानते हैं कि किताबों को कैसे संभालकर रखना है। - यदि पुरानी किताबों को सहेजने के शौक़ीन हैं तो कम से कम साल में दो बार एक-दो घंटे के लिए धूप दिखाएं। किताबों की अलमारी में कपूर भी रख सकते हैं। - लोग अक्सर किताब को पढ़ते समय जब विराम लेते हैं तो पेज मोड़कर रख देते हैं, ताकि दोबारा वहीं से पढ़ सकें। पेज याद रखने के लिए मोड़े नहीं बल्कि बुक मार्क का इस्तेमाल करें। इससे किताब ख़राब नहीं होगी। - किताब पढ़ते समय अगर खाने की आदत है तो इसे बदलें। ऐसा करने से किताब पर खाना गिरता है और दाग़ लग जाते हैं। भोजन के कण किताबों पर कीड़ों को आमंत्रण दे सकते हैं। इसके साथ ही साफ़ हाथ से किताब पकड़ें। चिकने या तैलीय हाथों से किताब न छुएं। - किताब को हमेशा लिटाकर रखते हुए जमाएं। इससे पेपरबैक वाली किताबों के कवर भी मुड़ते नहीं हैं। अगर सारी जिल्द वाली किताबें हैं, तो खड़ी रखते हुए जमा सकते हैं। लेकिन इनकी जमावट कसावट-भरी हो। ढीली-ढाली जमावट में खड़ी किताबें फटने लगती हैं। - किताबों को सूचीबद्ध करें, उन पर संख्या अंकित करें और अलमारी या शेल्फ में वर्गीकृत कर के रखें। क़िताबों को इस तरह अलमारी में रखें कि एक नज़र में उसका शीर्षक दिख जाए अर्थात बाइंडिंग वाली साइड बाहर की तरफ़ हो। - कम से कम तीन महीने में किताबों का स्थान अलमारी में ही बदलते रहें जिससे कभी कोई फफूंद वगैरह हो तो और किताबें ख़राब न हो पाएं। किताबों की अलमारी को सीधी धूप से बचाएं। - किसी भी केमिकल या दवाई का प्रयोग सीधे किताबों पर न करें बल्कि उनके आसपास करें। - किताबों को कीड़ों से बचाने के लिए बोरिक पाउडर अलमारी में छिड़क दें। यदि बोरिक पाउडर न हो तो टेलकम पाउडर भी अच्छा विकल्प है। - नमी वाली जगह पर किताबें न रखें। जिस कमरे में लाइब्रेरी बना रहे हैं या वहां किताबों का रैक है, तो उस जगह से किताबें हटा लें। जगह की कमी है तो किताबों को पारदर्शी पन्नी से कवर करके रखें जिससे वे नमी से बची रहेंगी। - किताबों को सजाकर रखने की आदत हैं तो साफ़-सफ़ाई पर भी ध्यान दें। महीने में एक-दो बार किताबें खोलकर देखें और डस्टिंग करें। इसके साथ ही रैक को भी साफ़ करें। साथ ही किताबों की शेल्फ में नीम की पत्तियां फैला कर अख़बार बिछा दें, ताकि दीमक लगने का ख़तरा न रहे। - किताब में रुपए, तस्वीर रखने की आदत उसकी सिलाई को ढीला बना देती है। इसलिए किताब में कुछ भी रखने की कोशिश न करें। - ख़ास शब्द या वाक्य को हाईलाइट करना है तो मार्कर या पेन का इस्तेमाल न करें बल्कि रंगीन पेंसिल का उपयोग करें। इससे वाक्य अलग दिख जाएगा और किताब भी ख़राब नहीं होगी।
घर पर वैक्स करते समय ख़्याल रखें
वैक्सिंग सिर्फ़ अनचाहे बाल निकालने के लिए ही नहीं बल्कि साफ़ रहने के लिए भी की जाती है। लेकिन वैक्स के ग़लत तरीक़े अपनाने से यह नुकसानदेह हो सकता है। आपसे ये ग़लतियां न हों इसलिए कुछ ज़रूरी जानकारी लेकर आए हैं।
वैक्सिंग से पहले...
वैक्सिंग से पहले त्वचा पर किसी प्रकार का तेल, मॉइश्चराइज़र, क्रीम आदि नहीं लगी होनी चाहिए। इनके लगे होने पर वैक्स ठीक से नहीं हो पाती। वैक्स से पहले त्वचा को साबुन से धो लें फिर सुखाकर वैक्सिंग करें।
सही दिशा देखें...
जानकारी के अभाव में लोग ग़लत दिशा में वैक्सिंग कर लेते हैं। इससे त्वचा पर रैशेज़ पड़ जाते हैं और बालों की ग्रोथ भी उल्टी दिशा में हो जाती है। एक हाथ में बाल अलग-अलग दिशा में हो सकते हैं। इसलिए बालों की बढ़त की दिशा देखकर वैक्स लगाएं।
टैस्ट करें...
वैक्स को गर्म करने के बाद सीधे न लगाएं। पहले वैक्स को कोहनी पर या कलाई के छोटे भाग पर लगाकर देखें। गर्म वैक्स लगाने से त्वचा जल सकती है और रैशेज़ होने के साथ ही त्वचा के रंग पर भी असर पड़ सकता है।
दोहराव से बचें...
पूरी तरह बाल न निकलने पर कई-कई बार वैक्स लगाकर निकालते हैं। बार-बार वैक्सिंग करने से उस जगह की त्वचा छिल सकती है। एकाध बाल रह गया है तो उसे धागे या प्लकर (ट्वीज़र) की मदद से निकाल लें।
त्वचा के अनुसार चुनाव...
आजकल कई तरह की वैक्स उपलब्ध हैं। ये त्वचा के प्रकार के अनुसार व टैनिंग हटाने में भी कारगर होते हैं, जैसे चॉकलेट वैक्स, फ्रूट वैक्स, कोल्ड वैक्स हॉट वैक्स आदि। ये बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं।
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