ऐसी कई सारी आदते हैं, जो हमारी दैनिकचर्या का हिस्सा हैं। ये आदतें इतनी छोटी हैं कि कभी हम इस विषय में नहीं सोच पाए कि इनके परिणाम या दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं। पर यह जान लें कि इन आदतों का सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है इसलिए समय रहते इन्हें बदल डालें।
अलार्म के बिना हो सुबह
अलार्म घड़ी की तीव्र ध्वनि दिल की सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इससे रक्तचाप भी बढ़ सकता है। इस आदत को बदलने के लिए आप कोशिश करें कि प्रतिदिन जल्दी और एक ही समय पर सोएं, इससे थोड़े ही दिन में आपकी जल्दी और निर्धारित समय पर प्रात: नींद खुल जाएगी। इसके अलावा ऐसी जगह पर सोएं, जहां खिड़की या किसी अन्य माध्यम से सूर्य की किरण सीधा आपके मुंह पर पड़े।
औज़ार नहीं, नाख़ून है
किसी स्टीकर को निकालना व किसी डिब्बे को नाख़ून की सहायता से खोलना आपको महंगा पड़ सकता है। इन कामों के लिए कैंची व किसी नुकीले उपकरण का इस्तेमाल करें। नाखू़न को शरीर का हिस्सा ही रहने दें, उसे औज़ार न बनाएं। ऐसा करने से नाखू़न कमज़ोर पड़ जाते हैं और वे बहुत जल्दी टूटने लगते हैं। बार-बार मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाने की आदत भी नाख़ूनों के लिए नुक़सानदेह है।
न बनें त्वचा के सर्जन
हमारी त्वचा जब थोड़ी-बहुत भी जल जाती है या चोट आने पर जब दूसरी चमड़ी आती है, तो हम फ़टाफ़ट से चमड़ी को खुरचते हैं या निकाल फेंकते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप घाव या आहत त्वचा को ठीक होने में ओर भी ज़्यादा समय लगता है। इसलिए त्वचा की रक्षा करने वाली नई त्वचा को वैसा ही रहने दें। घाव या जली हुई त्वचा पर जब नई चमड़ी आए तो बस मॉइश्चराइजर या नारियल का तेल लगाएं।
खाते वक़्त न हो जल्दबाज़ी
आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में सब काम फ़टाफ़ट ही होते हैं लेकिन यह जल्दबाज़ी महंगी पड़ सकती है। ख़ास करके भोजन के साथ यह तेज़ी कई सारे रोगों को निमंत्रण देती है। जल्दी-जल्दी, बिना चबाए भोजन करने वालों में मोटापा भी जल्दी से घर करता है। उसके अलावा उच्च रक्तचाप, रक्त-शर्करा में वृद्धि की समस्या भी हो सकती है। इसलिए खाना हमेशा 15-20 मिनट लेकर ही खाना चाहिए।
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