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नज़र का रखें ख़्याल:टीवी देखने, मोबाइल चलाने से आंखें कमज़ोर होती हैं, आंखों का ख़्याल कैसे रखें और किन बातों का ध्यान रखें जानिए

2 वर्ष पहले
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  • विटामिन ई, सी, ज़िंक, ओंमेगा 3 फैटी एसिड्स, हरी सब्ज़ियों से लबरेज़ आहार खाना नेत्रों की रक्षा के लिए ज़रूरी है।
  • इसी तरह चंद सावधानियां और भी हैं, जिनका ध्यान रहे, इसलिए नोट करें कि क्या नहीं करना है।

स्क्रींस पर लम्बा समय
मोबाइल, कम्प्यूटर या टैबलेट के सामने ज़्यादा समय बिताने से आखों में सूखेपन की समस्या हो सकती है।

रात में टीवी देखना
अंधेरे कमरे में टीवी देखने से बार-बार रोशनी के बदलाव के कारण आंखों में लाली और सूखापन दोनों हो सकते हैं।

कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर सोना
लैंस लगाकर सोने से आंखों में संक्रमण हो सकता है, जिसके कारण हुई तकलीफ़ नेत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।

कम पानी पीना
आंखों को नम रखने के लिए हमें शरीर को हाइड्रेटेड रखना ज़रूरी है। यह हमारी अश्रुग्रंथियों के लिए भी आवश्यक है।

आंखों को रगड़ना
ज़ोर-ज़ोर से आंखें रगड़ने से हमारी पलकों के नीचे की रक्त वाहिनियां, जो बहुत कोमल होती हैं, क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

दवा की अधिकता
बार-बार अनावश्यक रूप से या बिना डॉक्टर की हिदायत के दवा डालते रहने से सूखापन बढ़ सकता है।

चलते वाहन में पढ़ना
हिलते-डुलते पढ़ने से फोकस करने में दिक़्क़त होगी, आंखों पर ज़ोर पड़ेगा और सिरदर्द-उल्टी हो सकती है।

कम रोशनी में पढ़ना
हमारी आंखों पर दबाव कम पड़े इसके लिए पर्याप्त रोशनी में ही पढ़ने या लिखने जैसे काम करने चाहिए।

जांच से दूरी
जिनके नेत्र कमज़ोर हैं, उन्हें साल में एक बार ज़रूर अपनी आंखों की जांच करवा लेनी चाहिए।