यह साल वित्तीय बाजारों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। खासकर क्रिप्टोकरेंसी में तो भारी गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो का बाजार मूल्य नवंबर 2021 के 232 लाख करोड़ रुपए से घटकर 100 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। 18 मई को बिटकॉइन लगभग 22 लाख रुपए के आसपास ट्रेडिंग कर रहा था। यह नवंबर के अपने शिखर से 40% कम है। एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी ईथर की भी बुरी हालत है। छह माह पहले क्रिप्टो एक्सचेंज और प्रमुख क्रिप्टो इंडस्ट्री स्टॉक कॉयनबेस का मूल्य 6.12 लाख करोड़ रुपए था। अब इसका मूल्य 1.8 लाख करोड़ रुपए रह गया है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक-फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने के साथ शेयर बाजारों में हलचल मची है। क्रिप्टो की जबर्दस्त गिरावट से सिस्टम की कमजोरी सामने आई है। दरअसल, स्टेबलकॉइंस के बाजार के साथ समस्या है। यह क्रिप्टोकरेंसी एक अन्य करेंसी- डॉलर के साथ जुड़ी है। मूल्य के हिसाब से चौथे सबसे बड़े स्टेबलकॉइन टेरा में गिरावट शुरू हुई थी। इससे टेथर पर दबाव पड़ा। इसका मूल्य एक डॉलर के बराबर है। 12 मई को टेथर का मूल्य 95 सेंट हो गया। उसके बाद लगभग 70 हजार करोड़ रुपए के टेथर का नगद भुगतान हासिल कर लिया गया है। एक अन्य स्टेबलकॉइन टेरा का मूल्य एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी लूना से जुड़ा है। कागजों में यूजर टेरा के एक डॉलर को लूना के एक डॉलर से बदल सकते हैं। लेकिन, लूना के मूल्य में मई की शुरुआत में गिरावट आने लगी। अपने शीर्ष पर लूना का मूल्य 3.10 लाख करोड़ रुपए था और टेरा का मूल्य 1.39 लाख करोड़ रुपए था। अब इनका कोई मूल्य नहीं है। टेरा दस सेंट पर ट्रेडिंग कर रहा है।
सिस्टम को खतरा
्रिप्टोकरेंसी में गिरावट के बाद सरकार से उसके मामलों में दखल देने की मांग उठी है। क्रिप्टो की तेज हलचल परंपरागत फाइनेंशियल सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए टेथर क्रिप्टो एसेट और परंपरागत एसेट के बीच ट्रेडिंग का मुख्य हिस्सा है। यदि वह ध्वस्त होती है तो गिरावट बहुत बड़ी होगी। यूजरों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए स्टेबलकॉइंस के बारे में विश्वसनीय सूचनाएं देने की व्यवस्था जरूरी है। उनके एसेट का खुलासा होना चाहिए।
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