कोरोना वायरस महामारी का चीन की अर्थव्यवस्था पर असर दिखाई पड़ने लगा है। 16 मई को चीन ने बताया कि औद्योगिक उत्पादन पिछले साल के मुकाबले अप्रैल में 2.9% गिर गया। मार्च की तुलना में 7% से अधिक गिरावट आई है। गोल्डमैन सॉक्स ने इस आंकड़े को बहुत आश्चर्यजनक बताया है। नेशनल स्टेटिसटिक्स ब्यूरो के मुताबिक एक वर्ष पूर्व से रिटेल बिक्री 14% घटी है। केटरिंग में 22% और कारों की बिक्री में 30% कमी आई है। शंघाई ऑटोमोबाइल सेल्स एसोसिएशन का कहना है, लॉकडाउन से प्रभावित शहर में कारों की बिक्री शून्य रही। सबसे अधिक गिरावट महत्वपूर्ण प्रॉपर्टी सेक्टर में रही। नए घरों की बिक्री 42% और निर्माण 44% कम हुआ है। वैसे, संपत्ति बाजार लॉकडाउन से पहले भी प्रभावित था। नए सर्वे में अप्रैल माह में बेरोजगारी 6.1% बढ़ी है। यह फरवरी 2020 के 6.2% से थोड़ी नीचे है। 31 बड़े शहरों में बेरोजगारी 6.7% है जबकि यह 2020 में पहले लॉकडाउन के समय केवल 5.7% थी। जाहिर है, ओमिक्रॉन की लहर ने बड़े शहरों पर अधिक असर डाला है। देखना बाकी है कि क्या ये मासिक संकेतक दूसरी तिमाही के राष्ट्रीय जीडीपी आंकड़ों को प्रभावित करेंगे।
महामारी के पहले दौर में चीन ने वर्ष का जीडीपी लक्ष्य घोषित नहीं किया था। इसके विपरीत इस वर्ष चीनी नेताओं ने 5.5% का लक्ष्य रखा है। उन्होंने 29 अप्रैल को घोषित किया कि जीडीपी लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। 15 मई को चीनी अधिकारियों ने बताया कि पहली बार मकान खरीदने वाले लोगों के लिए बैंक कर्ज की ब्याज दर कम की जाएगी। लेकिन, लॉकडाउन में लोगों के घरों में बंद रहने के कारण इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश पर जोर दिया है।
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