‘दोस्तों, आज मैं यहां एक बीज बोने के लिए आया हूं, जो जोश भरे दिल के साथ आपको आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करेगा। आप ये कभी नहीं सोच सकते कि मैं गंभीर भी हो सकता हूं। मेरे पिता एक महान कॉमेडियन बन सकते थे, लेकिन उन्होंने कभी ये यकीन नहीं किया कि वे ऐसा कर सकते हैं और उन्होंने खुद को सीमित कर लिया। मैंने अपने पिता से बहुत सीखा है, कम से कम ये तो सीखा ही है कि जिसमें मन नहीं है उसमें फेल हो जाओ और फिर वो करो जिसे करना अच्छा लगता है। मैं पिता के प्यार और मजाक को अक्सर देखा करता था और सोचा करता था कि यही मुझे करना है और सारा वक्त इसमें लगाना है।
एक्टिंग शुरू करने से पहले की बात है, जब हमारे घर कोई आता था तो उसका स्वागत सात साल का एक बच्चा सीढ़ियों से गिरते-पड़ते किया करता था। लोग पूछते थे ‘क्या हुआ'? मैं कहता ‘पता नहीं... चलिए रीप्ले देखते हैं'। फिर मैं स्लो मोशन में उसी गिरने-पड़ने को दोहराता था। मेरे पिता यह सब देख शेखी बघारते थे और मेरे टैलेंट को अपना दूसरा मौका समझते थे। प्रोफेशनल कॉमेडियन का काम करते हुए मुझे एक दशक बीत चुका था, तब मैं 28 साल का था। एक रात लॉस एंजिल्स में मुझे अहसास हुआ कि मेरी जिंदगी का मकसद लोगों को चिंताओं से दूर रखना है, बिल्कुल मेरे पिता की तरह।
आपका मकसद क्या है? आप इस दुनिया को क्या देने वाले हैं? आपके टैलेंट की उनको किस तरह जरूरत होगी? यह सब आपको ही खोजना होगा। मैं अपने अनुभव से आपको केवल यह बता सकता हूं कि कोई भी आपको यह बताए कि आप इस काम को करने में अच्छे हैं तो उसे एक बार जरूर आजमाइए। जीवन में जो भी आप कमाएंगे वो टूट सकता है, छिन सकता है। आपके पास सिर्फ वो रह जाएगा जो आपके दिल में होगा।
लोगों को चिंता मुक्त करना मुझे जबरदस्त सुकून देता है। ये फेम छिन जाए तो मैं क्या हूं? लोग मुझे सुनना बंद कर दें तो मैं क्या हूं? मैं कमाई तक नहीं कर सकता। लेकिन आप लोग इस मामले में मुझसे कहीं आगे हैं। आप पहले से ही जानते हैं कि आप कौन हैं और उस शांति के बारे में भी जानते हैं जिसकी तलाश हम सबको रहती है। मैं अक्सर कहता हूं कि लोगों के नाम और पैसा कमाने के सपने पूरे होने चाहिए जिससे कि वे यह समझ सकें कि पूर्णता इसमें नहीं है। मैं चाहता हूं कि आप बस रिलैक्स रहें और अच्छी जिंदगी जिएं। (महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट व अन्य मंचों पर जिम कैरी)
जब जिम ने खुद के नाम लिखा 10 मिलियन डॉलर का चेक
1985 में संघर्ष के दिनों में कैरी ने एक चेक बनाया। लिखा ‘एक्टिंग सर्विसेस रेंडर्ड'। यह 10 मिलियन डॉलर का था। इस पर दस साल आगे की तारीख लिखी और इसे वॉलेट में रख लिया। इत्तेफाक कह सकते हैं ठीक 10 साल बाद नवंबर 1995 में उन्हें ‘डंब एंड डंबर’ फिल्म के लिए चुन लिया गया, जिसके लिए उन्हें 10 मिलियन डॉलर्स की ही फीस मिली।
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