1) दोनों पक्षों को सुनने का प्रयास करें
अमेरिका की कॅरियर काउंसलर और एग्जीक्यूटिव कोच एना रनेरी के अनुसार ज्यादातर मामलों में लोगों को अपनी भड़ास निकालने के लिए केवल एक अलग जगह की तलाश रहती है और ऐसा करके वो खुद ही समझ जाते हैं कि उन्हें कब और कहां ठहरना है, कितना बोलना है या आगे क्या करना है। आपको ऐसे में दोनों पक्षों की कहानी सुनने की कोशिश करनी चाहिए।
2) दोनों ही पक्षों के प्रति सहानुभूति रखें
दोनों साथियों की बात ध्यान से सुनें। उन्हें लगना चाहिए कि आप उनकी बात को पूरी गंभीरता के साथ सुन रहे हैं और समझ भी रहे हैं। किसी एक का पक्ष लेकर बात ना करें। ना ही किसी एक के विचारों के साथ खड़े हों। अगर आपको ऐसा लगे कि किसी एक के साथ पक्षपात करने के लिए आप पर दबाव डाला जा रहा है तो तुरंत ही स्पष्ट करें कि आप ऐसा कुछ नहीं करने वाले हैं।
3) गॉसिप किए बगैर समस्या का हल तलाशें
स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के साइकोलॉजिस्ट की रिसर्च के अनुसार इस दौरान अगर आपको कभी ऐसा लगता है कि दोनों को ही आपकी सलाह की जरूरत है तो आप दोनों की बात सुनकर-समझकर जो भी संभावित विकल्प नजर आए, उन पर एक साथ मिलकर विचार कर सकते हैं। आपका फोकस समस्या का हल निकालना होना चाहिए, गॉसिप करना नहीं।
4) टीम से बाहर भी बात करने की सलाह दें
अगर किसी बिंदु पर आपको ऐसा लगता है कि स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो रही है, तो दोनों ही सहकर्मियों को उनका अगला कदम उठाने पर जोर दें। उन्हें यह सलाह दें कि वो इस समस्या के बारे में टीम के बाहर के व्यक्ति से भी बात करके देख सकते हैं। आप उन्हें ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट में जाकर बात करने की सलाह भी दे सकते हैं। यहां उनको हर संभावित मदद मिल सकती है।
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