1) नकारात्मक सोच से खुद को दूर रखें
काम के प्रति जरूरत से ज्यादा उत्सुकता या बेचैनी भी हानिकारक साबित हो सकती है। यह बेचैनी आपके आसपास नकारात्मक प्रभाव पैदा करती है। आप यह सोचने लगते हैं कि आपके आसपास जो भी लोग मौजूद हैं वो आपको नापसंद करते हैं और प्रतिभाशाली नहीं मानते। इस तरह की सोच से खुद को बचाना जरूरी है। क्योंकि जब तक आपके पास कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं, यह कोरी कल्पना ही है।
2) फीडबैक से बचने की कोशिश न करें
बेचैन लोग फीडबैक को बेहद गंभीर मामले की तरह लेते हैं। फीडबैक को वो अपनी असफलता का संकेत भी मान लेते हैं। आप फीडबैक नहीं चाहते तो आलोचना सुनने का कोई और तरीका खोजें, वह जो आपको आसान लगे। फीडबैक से परेशान और असहज होने की जरूरत नहीं है। आप केवल इतना कह सकते हैं कि ये फायदेमंद बिंदु थे और आपको अकेले में जाकर इन पर विचार करने का समय चाहिए।
3) अपने व्यक्तित्व को सरल बनाएं, जटिल नहीं
अक्सर लोग उन चीजों से बचने की कोशिश करते हैं, जो उन्हें जरूरत से ज्यादा बेचैन करती हैं। उसके बाद वो शर्मिंदा भी होते हैं। हो सकता है आप किसी ईमेल का जवाब देने में असहज महसूस कर रहे हैं, तो आप उसे लंबे समय तक टालते रहते हैं। इससे आपकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकता है। बेहतर होगा कि आप अपनी इस हिचकिचाहट को पूरी सहजता और ईमानदारी के साथ स्वीकार कर लें।
4) नए विचारों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें
नए विचारों पर यदि आपकी पहली प्रतिक्रिया रिस्क और फेल्युअर को लेकर है, तो लोग इसे नकारात्मक मान सकते हैं। हर नए विचार के सकारात्मक पहलू पर पहले बात करें। पहले बताएं कि इसमें अच्छा क्या है। उसके बाद अपनी चिंता व्यक्त कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान सकारात्मक बने रहें। ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो प्रतिक्रिया देने में अपना समय लें। प्रतिक्रिया पूरे सोच-विचार के बाद ही दें।
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