1. लोग आपको उसी समय तक याद करते हैं, जब तक आपकी सांसें चलती हैं। 2. वास्तविक रूप से मंदिर वही पहुंचता है, जो धन्यवाद देने जाता है, मांगने नहीं। 3. जो इंसान मोह-माया से भरा है, वो एक सपने की तरह है। यह तब तक सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे हैं। जब नींद खुलती है, तो इसकी कोई सत्ता नहीं रह जाती। 4. जब मन में सत्य को जानने की तीव्र जिज्ञासा होती है तब दुनिया की बाहरी चीजें अर्थहीन लगने लगती हैं। 5. वास्तविक आनंद उन्हीं को मिलता है जो आनंद की तलाश नहीं करते हैं। 6. आंखों को दुनिया की चीजों की ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना ही आत्मसंयम है।
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