पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
थोड़ा समय लें
अक्सर हम ग़ुस्से में ऐसे शब्दों का प्रयोग कर जाते हैं, जो नहीं करने चाहिए। जब भी बहस हो रही हो या बात बिगड़ती दिख रही हो तो स्थिति समझिए और फौरन थोड़ी देर को शांत हो जाएं। जो बोलना चाहते हैं, उसे बोलने से पहले मन में दोहराएं। समझ पाएंगे कि वो कहने योग्य है या नहीं।
व्यस्त हो जाएं
लगता है कि ग़ुस्सा बढ़ रहा है तो ख़ुद को काम में व्यस्त करने की कोशिश करें। बालकनी से कपड़े उठा लाएं, फ्रिज में बॉटल भरकर रख दें, कमरा समेट दें या कोई और काम करने लगें। कुछ देर में ग़ुस्सा ख़ुद-ब-ख़ुद छूमंतर हो जाएगा।
साझा करें
किसी दोस्त, रिश्तेदार के साथ गु़स्से की वजह साझा करें और हल सुझाने के लिए कहें। जब अपने ग़ुस्से की वजह साझा करेंगे तो ख़ुद में सकारात्मकता पाएंगे।
कुछ मीठा खा लें
जहां ग़ुस्सा आए, उस जगह से चलें जाएं। बालकनी में बैठें, बाग़ीचे या फिर छत पर जाएं। किसी मीठी याद के बारे में सोचते हुए कुछ मीठा खाएं।
चिड़चिड़ाहट? बाय!!
कमरा अस्त-व्यस्त हो या बच्चों के खिलौने बिखरे दिखंे तो मन ही मन कुपित होने के बजाय बच्चों से ही सफाई के लिए कहें।
संगीत का सहारा
ग़ुस्सा आए या उदासी हो, तो संगीत सुनें। यदि नृत्य पसंद हो तो पसंदीदा गाना लगाएं और थिरकें। गुनगुनाने की कोशिश भी करें।
पॉजिटिव- आज आपकी प्रतिभा और व्यक्तित्व खुलकर लोगों के सामने आएंगे और आप अपने कार्यों को बेहतरीन तरीके से संपन्न करेंगे। आपके विरोधी आपके समक्ष टिक नहीं पाएंगे। समाज में भी मान-सम्मान बना रहेगा। नेग...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.