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उड़कर चला तो जाता है, दाने-पानी की तलाश में। पर ढूंढता रहता है, कोई अपना, पूरे आकाश में।
सुबह, शाम - सुख में, दुख में देखता है, अपने पुराने घोंसले को। अपनों से दूर, रोज़ बनते, बिगड़ते हौसले को।
तिनका-तिनका सहेजता है, छोटे से नीड़ में। अंगुलियों पर गिन लेता है, अपनों को, परिचितों की भीड़ में।
तपती धूप, सर्द हवाएं, सब सह लेता है। कभी सबको, कभी स्वयं को ही, सब कह लेता है।
सीखता है, चहकता है, नई-नई भाषा में। चुन-चुनकर सहेजता है, पुराने शब्द, अपनों से मिलन की आशा में।
पॉजिटिव- आपने अपनी दिनचर्या से संबंधित जो योजनाएं बनाई है, उन्हें किसी से भी शेयर ना करें। तथा चुपचाप शांतिपूर्ण तरीके से कार्य करने से आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थल पर ज...
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