अमेरिका में 1990 के दशक में प्रोटीन बार की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी थी। आज हर कहीं प्रोटीन बार की चर्चा होती है। ये फिटनेस के दीवाने लोगों तक सीमित नहीं हैं। जनरल स्टोर, गैस स्टेशनों, जिम और दवाइयों की दुकानों में रंगबिरंगे रैपर में लिपटे प्रोटीन बार दिखाई पड़ते हैं। कुकी और लेमन केक जैसा स्वाद होने पर भी इनकी मार्केटिंग हेल्थ फूड्स के रूप में होती है। मार्केट वॉच साइट के अनुसार 2026 के अंत तक प्रोटीन बार का ग्लोबल बाजार 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा। ऐसे प्रोडक्ट के निर्माता यकीन दिलाते हैं कि इससे आपकी सेहत सुधरेगी। क्लिफ बार कंपनी की वेबसाइट पर लोगों को वजन उठाते और बारिश में दौड़ते दिखाते हैं। गेटोरेड कंपनी अपने प्रोटीन बार को एथलीट्स के लिए वैज्ञानिक तौर पर डिजाइन किया बताती है। कुछ कंपनियां अपने ब्रांड को वैलनेस की श्रेणी में रखती हैं। हालांकि, मार्केटिंग के बावजूद पोषण आहार विशेषज्ञ कहते हैं, प्रोटीन बार सेहत के लिए उतने ज्यादा भी अच्छे नहीं हैं जितना प्रचार किया जाता है। कई प्रोटीन बार में बहुत अधिक शुगर रहती है। कुछ में नमक जरूरत से ज्यादा नमक रहता है। पेनसिल्वानिया यूनिवर्सिटी में न्यूट्रीशन की असिस्टेंट प्रोफेसर जेनेट चरजन का कहना है, यह कैसे संभव है कि आप कैंडी बार पर प्रोटीन रखकर बेचें और लोग उस पर सवाल भी न उठाएं। न्यूयॉर्क यूनिवसिटी में न्यूट्रीशन की प्रोफेसर मेरियन नेस्ले का कहना है,लोग प्रोटीन को फिटनेस से भी जोड़ते हैं। प्रोटीन बार खाते हुए लोग सोचते हैं कि वे अपने स्वास्थ्य के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं। अधिकतर मांसाहारी लोगों को शरीर की जरूरत से ज्यादा प्रोटीन मिलती है। जिन लोगों के आहार में प्रोटीन कम होती है या जो कठोर वर्कआउट करते हैं, उनके लिए प्रोटीन बार उपयोगी हो सकते हैं। लेकिन, सामान्य लोगों के लिए ये ठीक नहीं हैं।
भरपूर शुगर और नमक
कई प्रोटीन बार शुगर से भरपूर होते हैं। क्लिफ बार के चॉकलेट चिप में 16 ग्राम शुगर होती है। गेटोरेड के प्रोटीन बार में 28 ग्राम अतिरिक्त शुगर रहती है। न्यूट्रीशनिस्ट डॉ.कटिंग जोन्स कहते हैं उनमें शुगर और नमक बहुत अधिक रहता है। कई प्रोटीन बार तो थोड़ी अधिक प्रोटीन के साथ केवल केंडी बार ही हैं।© The New York Times
डानी ब्लम
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