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भास्कर रिसर्च | नई दिल्ली
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद अंतरराष्ट्रीय चर्चा में आ गया है। पॉप सिंगर रिहाना ने 2 फरवरी को #FarmersProtest में सीएनएन का एक स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा था कि हम इस पर बात क्यों नहीं कर रहे हैं। इसके बाद यह हैशटैग ट्रेंड करने लगा। इसके पहले किसान आंदोलन सोशल मीडिया पर कहीं ट्रेंड नहीं कर रहा था, लेकिन इस ट्वीट के बाद इस मुद्दे से जुड़े दो और हैशटैग भी ट्रेंड करने लगे- इंडिया अगेंस्ट प्रोपेगेेंडा और इंडिया टुगेदर। खास बात यह है कि इन दोनों हैशटैग पर ट्वीट विदेशी सेलिब्रिटीज के ट्वीट के खिलाफ और देश की एकता को दिखाने वाले हैं। ट्विटर के एनालिसिस के अनुसार #FarmersProtest हैशटैग से 1.5 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। जबकि इंडिया अगेंस्ट प्रोपेगेेंडा से 74 लाख और इंडिया टुगेदर से 83 लाख लोग जुड़े हैं। 5 फरवरी के बाद #IndiaAgainstPropaganda और #Indiatogether ट्रेंड में नीचे आ गए हैं, लेकिन #FarmersProtest अभी भी ट्रेंड कर रहा है। इस मुद्दे ने एक बार फिर सोशल मीडिया के प्रभाव को साबित किया है। इसके पहले 2010 में ट्यूनीशिया विवाद, 2011 में मिस्र विद्रोह, 2011 में हुए अन्ना आंदोलन में भी सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। यदि पॉप सिंगर रिहाना के सोशल मीडिया पर प्रभाव को देखें तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा प्रभावशाली दिखती हैं। अकेले ट्विटर पर उनके 10 करोड़ से ज्यादा फालोअर्स हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी को 6.45 करोड़ लोग ही फॉलो करते हैं। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन में आइरिश अकादमिक और पत्रकार जॉन नॉटन लिखते हैं कि अब सोशल मीडिया चुनावों को प्रभावित करने वाला एक उपयोगी औजार भर नहीं रह गया है, यह ऐसी जमीन बन गया है, जो रोजमर्रा की हमारी बातचीत तय करता है और इसके दुरुपयोग की संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है।
किसान आंदोलन के समर्थन और विरोध में आईं ये हस्तियां
किसानों के समर्थन में
गायिका रिहाना, स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, बॉलीवुड के अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बयान जारी किया, दक्षिण भारतीय अभिनेता प्रकाश राज, अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस, पंजाबी गायक जैजी बी, पंजाबी गायक व अभिनेता हरभजन मान, पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ।
देश में एकता के लिए
फिल्म जगत से अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी, अनुपम खेर, एकता कपूर, कंगना रनौत, तापसी पन्नू, गायिका लता मंगेशकर, खेल जगत से सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, हार्दिक पांड्या और साइना नेहवाल। सभी के ट्वीट में इस आंदोलन को देश का आंतरिक मामला बताते हुए विदेशियों से दखल न देने को कहा गया है।
किसान आंदोलन को क्या फायदा
अब आंदोलन की चर्चा हो रही है, पर इस चर्चा से फायदा मिलना मुश्किल
देश में 90 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास फोन हैं। इनमें से 50 करोड़ से अधिक लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। भारत में लगभग 29 करोड़ लोग फेसबुक और 40 करोड़ लोग व्हाट्सएप का उपयोग कर रहे हैं। जबकि देश में करीब 1.8 करोड़ लोग ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं। इन आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया में किसी मुद्दे के आने का क्या असर हो सकता है। हालांकि एसोसिएशन फॉर डेमाेक्रेटिक रिफॉर्म के सह-संस्थापक जगदीप छोकर मानते हैं कि रिहाना जैसी गायिका के ट्वीट का बहुत ज्यादा फायदा आंदोलन को नहीं होगा। क्योंकि भारत में उन्हें जानने वाले बहुत लोग नहीं है, लेकिन रिहाना के ट्वीट से ही यह मामला दुनियाभर में चर्चा में आ गया है।
पहले हुआ है आंदोलनों को फायदा
ट्यूनीशिया से फैला आंदोलन, सोशल मीडिया के कारण पांच देशों में फैला था
2010 में ट्यूनीशिया में सब्जी बेचने वाले एक शख्स मोहम्मद बाउजीजी ने स्थानीय प्रशासन से विवाद होने पर खुद को आग लगा ली थी। सोशल मीडिया के चलते घटना तेजी से लोगों के बीच फैल गई। जनता सड़कों पर उतर आई। 23 साल से सत्ता में काबिज राष्ट्रपति जिने अल आब्दीन बेन अली को सऊदी अरब भागना पड़ा। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रदर्शन को वहां की मीडिया ने कवर ही नहीं किया था। जल्द ही पांच देशों बहरीन, जाॅर्डन, कुवैत, लीबिया और यमन में विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए। लोगों ने#anonymous के हैश टैग से पड़ोसी देशों तक क्रांति को फैलाया। ऐसे ही 2011 में हुए मिस्र विद्रोह, 2011 में ही हुए अन्ना आंदोलन, 2017 में मीटू कैम्पेन को भी सोशल मीडिया पर सपोर्ट मिला।
रिहाना से जुड़े विवाद
आंदोलन पर ट्वीट के लिए रिहाना को दिए 18 करोड़ रु.
- मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि खालिस्तानी समर्थकों द्वारा इस ट्वीट के लिए रिहाना को 18 करोड़ रुपए दिए गए हंै। रिहाना ने 2 फरवरी को किसान आंदोलन पर ट्वीट किया था।
- इनके एक गीत ‘वी फाउंड लव’को कर्कश आवाज के कारण फ्रांस में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
- ऐसे ही इनका एक वीडियो एसएंडएम अश्लीलता के कारण 11 देशों में प्रतिबंधित किया जा चुका है।
- 2020 में रिहाना को फेंटी लॉन्जरी फैशन शो में इस्लामिक आयतों का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियों की आलोचना को लेकर भी चर्चा में रह चुकी हैं।
- 2013 में रिहाना ने अबू धाबी में संगीत कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। अपने इस टूर के दौरान एक मस्जिद में अनुमति लिए बगैर आपत्तिजनक तस्वीरें खिंचवाने पर मस्जिद से निकल जाने का आदेश दिया गया था।
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