अहमदनगर. यहां एक गैंगरेप पीड़ित और उसके पति पर केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए आरोपियों ने पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने की कोशिश की। विरोध करने पर निर्वस्त्र कर पीटा। वीडियो वायरल होने पर 37 दिन बाद घटना सामने आई। मामले में 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। गैंगरेप की वारदात 4 साल पुरानी है।
24 जनवरी को पीड़ित और उसका पति अहमदनगर के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए गए थे। वहां से वापस घर जाने के लिए दोनों ऑटो रिक्शा में बैठे। इसी दौरान ऑटो रिक्शा में पहले से बैठा एक शख्स दोनों को बेहोशी की दवा सुंघाकर एक कमरे में ले गया। यहां दोनों के कपड़े उतारकर शरीर पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की। दंपती के साथ मारपीट भी की गई।
10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
पीड़ित परिवार की ओर से कहा गया है कि उन्हें धमकी दी गई है। आरोपी केस में गवाही नहीं देने का भी दबाव बना रहे थे। घटना से वह बुरी तरह सहम गए थे। इसलिए उन्होंने किसी को बताया नहीं। मामले में अहमदनगर के एसपी सागर पाटिल ने कहा कि वायरल वीडियो को देखने के बाद पुलिस पीड़ित परिवार के पास पहुंची। महिला के बयान पर 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
आरोपी और उसके पिता पर गैंग रेप का आरोप
गैंगरेप की वारदात 2016 की है। मामले में आरोपी पिता-पुत्र पर अहमदनगर के तोपखाना पुलिस थाने में गैंगरेप की एफआईआर दर्ज की गई थी। घटना के 4 साल बाद भी पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी। इससे पहले पीड़ित के पति को जान से मारने की कोशिश भी की गई थी।
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