- विधायक अव्हाड़ ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री ठाकरे और कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल से आरोपियों को रिहा करने की मांग की
- सामना में शिवसेना ने शहरी नक्सलवाद के आरोप में गिरफ्तार लोगों की तुलना अलकायदा के आतंकियों से की थी
Dainik Bhaskar
Dec 02, 2019, 05:14 PM ISTमुंबई. महाराष्ट्र की मुर्बा-कलवा सीट से राकांपा विधायक जितेंद्र अव्हाड़ ने भीमा-कोरेगांव हिंसा और शहरी नक्सलवाद मामले में गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की मांग की। एक ट्वीट कर उन्होंने यह मांग की, जिसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल को भी टैग किया। अव्हाड़ ने यह भी कहा कि पिछली सरकार ने फर्जी मामले दर्ज किए थे।
हालांकि, शिवसेना की ओर से इस मांग को मानना इतना आसान नहीं होगा। वे पार्टी के मुखपत्र सामना में लगातार इसका विरोध करने वालों के खिलाफ हमलावर रहे हैं। उन्होंने शहरी नक्सलवाद के आरोप में गिरफ्तार लोगों की तुलना आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों से भी की थी।
जितेंद्र आव्हाड़ का ट्वीट..
आरे चे आंदोलन करणारे सुटले .... #भिमाकोरेगाव मध्ये खोटे गुन्हे दाखल केले मागच्या सरकारनी
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) December 1, 2019
आता ह्या माझ्या सरकारनी ते गुन्हे मागे घ्यावेत @OfficeofUT @Jayant_R_Patil
होय ... हे आपले सरकार ...#MahaVikasAghadi
शहरी नक्सली बताकर हुई थी गिरफ्तारी
भीमा कोरेगांव में जनवरी-2018 में हिंसा भड़क गई थी। इसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी। कई अन्य घायल हुए थे। सरकारी संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ था। महाराष्ट्र पुलिस ने तब पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच में उन्हें 'अर्बन नक्सली' बताते हुए आरोप लगाया गया कि वे 'राजीव गांधी-टाइप' हमले में पीएम मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे। इनमें वेरनॉन गोंसाल्विज, अरुण फरेरा, सुधा भरद्वाज, वरवर राव और गौतम नवलखा शामिल थे। इस मामले में जांच आगे बढ़ी और पांच अन्य लोग जिनमें शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, रोना विल्सन, और सुधीर धवले शामिल हैं, को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया।
सामना में शिवसेना ने ऐसे किया था हमला
फरवरी 2019 की एक संपादकीय में शिवसेना ने लिखा था,"पुलिस प्रशासन और कानून पर निरंतर हमला करना, सरकार पर प्रश्नचिह्न लगाना, व्यवस्था के मनोधैर्य को तोड़कर उसे लंगड़ा बनाने की अलकायदा की रणनीति है। एल्गार परिषद का समर्थन कर रहे लोगों की भी यही रणनीति है।' शिवसेना ने यह भी कहा था कि दलित नेता प्रकाश आम्बेडकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकवादी संगठन कहते हैं, लेकिन संघ एक प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है।
