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मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा की तुलना मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले से की है। मीडिया से बातचीत के दौरान ठाकरे ने कहा, 'जो कुछ रविवार को जेएनयू में हुआ, वह कुछ ऐसा था जिसे हम 26/11 के बाद देख रहे हैं। सभी को पता होना चाहिए कि नकाब के पीछे कौन थे। कायर मुंह छिपा कर हमला करते हैं।'
उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को विश्वास में लेने की जरूरत है। युवा आत्मविश्वास खो रहा है। इस पूरे मामले की हाईलेवल जांच होनी चाहिए। उद्धव ने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में इस तरह की कोई समस्या नहीं है। यहां के कॉलेजों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं और छात्रों को किसी तरह से डरने या घबराने की जरुरत नहीं है।
जेएनयू में छात्रों पर हमला सुनियोजित: शरद पवार
वहीं, इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर हुआ कायराना हमला सुनियोजित था। हिंसा का इस्तेमाल करने का मतलब लोकतांत्रिक मूल्यों को दबाने का प्रयास करना है। लेकिन वे इसमें कभी सफल नहीं हो पाएंगे। इस बीच, राकांपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री जितेंद्र आव्हाण मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर जेएनयू हिंसा के विरोध में जारी प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस हमले से देश की इमेज खराब हुई: आदित्य ठाकरे
कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने जेएनयू हिंसा में नकाबपोश बदमाशों को आतंकवादी कहने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इन हमलों की वजह से देश की इमेज पूरी दुनिया में खराब हो रही है। इन गुंडों को आंतकवादी कहना चाहिए, क्योंकि वे भी मुंह छिपाकर ही आते हैं। इस पर तय समय के अंदर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना विदेश के छात्र यहां पढ़ने नहीं आएंगे।
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