मुंबई. नामांकन के अंतिम दिन गुरुवार को विधान परिषद चुनाव के लिए आखिरकार कांग्रेस-एनसीपी के बीच गठबंधन हो गया। दोनों दलों ने तीन-तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस अपने सहयोगी दल एनसीपी के लिए लातूर-बीड-उस्मानाबाद सीट छोड़ने को तैयार हो गई है। इस सीट को लेकर ही गतिरोध बना हुआ था। कांग्रेस ने परभणी-हिंगोली सीट से सुरेश देशमुख को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इन्हें मिली उम्मीदवारी
- यह सीट फिलहाल एनसीपी के पास है। यहां से अब्दुल खान दुर्रानी मौजूदा विधान परिषद सदस्य हैं। एनसीपी के रमेश कराड ने कांग्रेस की सिटिंग सीट लातूर से नामांकन किया है। इस सीट से कांग्रेस के दिलीप देशमुख विप सदस्य हैं।
- एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण व अशोक गहलोत के बीच चर्चा के बाद सीट बंटवारा अंतिम रूप ले सका।
- वर्धा-गड़चिरोली-चंद्रपुर सीट से कांग्रेस ने इंद्रकुमार बालमुकुंद सर्राफ को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि अमरावती से अनिल मोघाडिया और परभणी-हिंगोली सीट से सुरेश देशमुख कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
- लातूर-बीड-उस्मानाबाद सीट पर एनसीपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां से भाजपा ने एनसीपी के बागी नेता सुरेश धस को अपना उम्मीदवार बनाया है। धस की वजह से एनसीपी बीड़ जिला परिषद चुनाव हार गई थी।
भांगडिया, दुर्रानी, जाधव तटकरे का टिकट कटा
- विधान परिषद की 6 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा ने वर्धा-चंद्रपुर-गड़चिरोली सीट से विप सदस्य रहे मितेश भांगडिया को इस बार उम्मीदवारी नहीं दी जबकि एनसीपी ने बाबा दुर्रानी, जयंत जाधव व अनिल तटकरे का टिकट काट कर नए चेहरों को मौका दिया है।
राणे का तटकरे को छुपा समर्थन
- रत्नागिरी-रायगढ़-सिंधुदुर्ग सीट भाजपा ने अपने सहयोगी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के अध्यक्ष नारायण राणे के लिए छोड़ी थी। लेकिन राणे से यहां से अपना उम्मीदवार खड़ा करने से परहेज किया है। समझा जा रहा है कि शिवसेना उम्मीदवार को हराने के लिए राणे एनसीपी उम्मीदवार अनिकेत तटकरे को छुपा समर्थन देंगे।