फेडरेशन के भोपाल में हुए अधिवेशन में ऊर्जा मंत्री ने अनुकंपा नियुक्ति आश्रितों को लेकर कोई नई घोषणा नहीं की। केवल 2000 से 2012 के प्रकरणों में ही कार्रवाई करने की बात कही। इससे आश्रितों में खासी नाराजगी है। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस, इंटक से मप्र विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन का प्रांतीय अधिवेशन भोपाल में ऊर्जामंत्री प्रियव्रत सिंह के मुख्य आतिथ्य में हुआ। फेडरेशन के प्रांतीय महामंत्री बीडी गौतम के नेतृत्व में अधिवेशन में विद्युत विभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों का पृथक कैडर बनाकर स्थाई रोजगार देने, संविदा कर्मचारियों की नियमित पदों पर नियुक्ति, 1998 से 2012 तक लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों के निराकरण जैसी प्रमुख मांगों को ऊर्जामंत्री के समक्ष रखा। इसके साथ ही नियमित कर्मचारियों की वेतन विसंगति, कंपनी कैडर एवं पेंशनर्स को 50 यूनिट फ्री बिजली के साथ ही वचन पत्र में शामिल कराए अन्य बिंदुओं के निराकरण की मांग रखी। ऊर्जामंत्री द्वारा बिजली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए घोषणा कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के सभी मुद्दों को निराकृत करने हेतु प्रयासरत है। विद्युत कंपनी तथा अन्य विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के सेवा नियमों के बारे में शीघ्र एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जा रही है। अनुकंपा नियुक्ति संगठन के निराकार सागर ने बताया ऊर्जा मंत्री ने वर्ष 2000 से 2012 तक के प्रकरणों में ही अनुकंपा की बात कही है। जबकि आश्रित पहले से ही अपनी लड़ाई बगैर शर्त अनुकंपा दिए जाने की मांग पर कर रहे हैं।