भोपाल/भिंड. अक्टूबर 2017 में पुलिस और रेत माफिया के गठजोड़ का स्टिंग करने वाले पत्रकार संदीप शर्मा को सोमवार को एक ट्रक ने कुचल दिया। वे एक लोकल न्यूज चैनल में काम करते थे। पुलिस ने हादसे का केस दर्ज किया है, लेकिन पत्रकार के भांजे संदीप पुरोहित ने कहा कि ये हत्या है। पुरोहित ने अटेर के पूर्व एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया पर हत्या का आरोप लगाया है। उधर, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। भिंड के एसपी प्रशांत खरे ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है।
स्टिंग से चर्चा में आए थे संदीप, अटेर एसडीओपी भदौरिया से बताया था जान का खतरा
संदीप शर्मा ने पिछले साल अक्टूबर में अटेर के तत्कालीन एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया का एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें वह रेत कारोबारी बनकर इंद्रवीर सिंह भदौरिया के आवास पर मिलने गया। जहां उसने रेत से भरी गाड़िया निकालने के लिए उनसे (एसडीओपी भदौरिया) डीलिंग की। वहीं एसडीओपी ने भी गाड़ी निकालने के एवज में हर महीने पैसे की मांग की। इस स्टिंग के बाद संदीप काफी जहां चर्चा में आए थे, वहीं एक महीने बाद उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों को शिकायत की थी कि अटेर एसडीओपी भदौरिया से उन्हें जान का खतरा है। वे उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
हत्या की आशंका के दो कारण
- रेत का खाली ट्रक बीच सड़क पर चल रहा था। पीछे-पीछे बाइक सवार पत्रकार चल रहे थे। अचानक चालक ने ट्रक को बाएं तरफ ज्यादा दबा दिया और बाइक सवार को टक्कर मार दी।
- घटना के बाद ट्रक चालक ने ट्रक को आगे एक गैराज पर खड़ा कर दिया। उसके पहिए भी खुलवाना शुरू कर दिया और वह मौके से फरार हो गया। ट्रक इस हालत में खड़ा किया गया था कि जैसे काफी दिनों से यह खड़ा है।
एसडीओपी पर आरोप क्यों लगाया?
- 36 साल के संदीप शर्मा के भांजे संदीप पुरोहित ने कहा, "सोमवार सुबह 9.08 बजे जब मामा घर से बाइक से निकले थे, उसी समय ट्रक उनके पीछे लग गया था। कोतवाली थाने के सामने ट्रक ने टक्कर मारकर कुचलते हुए निकल गया।" पुरोहित ने आईजी से भी इस संंबंध में शिकायत की है।
- बता दें कि पत्रकार ने तत्कालीन अटेर एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया का स्टिंग किया था। इसमें पुलिस- रेत माफिया का गठजोड़ दिखाया गया।
अपोजिशन ने क्या आरोप लगाए?
- कांग्रेस लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "दिनदहाड़े उस पत्रकार की हत्या कर दी गई। इस मामले में सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए, उससे कम कुछ भी नहीं। भाजपा सरकार के दौरान लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता ढहाया जा रहा है।"
अवैध उत्खनन में मध्य प्रदेश कहां?
-2016-17 में अवैध उत्खनन के मध्य प्रदेश से 13880 मामले आए, एफआईआर सिर्फ 516 में दर्ज हुई। देश में सबसे ज्यादा 31173 मामले महाराष्ट्र से आए, एफआईआर 794 मामलों में दर्ज हुई।
अवैध उत्खनन और मौतें
2012: बामौर में अवैध रुप से पत्थर ले जा रहे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश कर रहे आईपीएस नरेंद्र कुमार की पत्थर गिरने से मौत हो गई थी।
2012: लौहगढ़ के नजदीक चम्बल नदी से अवैध रूप से रेत ले जा रहे रेत माफिया के एक डम्पर से कुचलकर पुलिस कॉन्सटेबल की मौत हो गई थी।
2016: मुरैना में रेत को खेत में जमा करने से रोकने गए पूर्व मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना के बेटे बंकू कंषाना पर रेत माफिया ने हमला कर दिया था।
2017: रेत माफिया ने एएसआई रामनिवास गुर्जर पर कुल्हाड़ी से हमला किया और वाहनों को छुड़ाकर भाग गए।
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