- कोर्ट के आदेश पर दंपती की काउंसलिंग जारी
भोपाल . शादी के बाद पति-पत्नी सात जन्मों के बंधन में बंध जाते हैं। फेरे के दौरान सुख-दुख में एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ने का वचन भी लेते हैं, लेकिन कुटुंब न्यायालय में एक ऐसा मामला पहुंचा, जिसमें पत्नी को कैंसर हुआ तो पति ने कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन लगा दिया। कुटुंब न्यायालय में दोनों की काउंसलिंग के आदेश दिए।
एक व्यवसायी ने कुटुंब न्यायालय में पत्नी से तलाक लेने के लिए आवेदन दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने काउंसलिंग करने के आदेश दिए। काउंसलर शैल अवस्थी के अनुसार पति सिर्फ इसलिए तलाक चाहता है, क्योंकि पत्नी को ब्रेस्ट कैंसर था। पत्नी उसे दांपत्य सुख नहीं दे पा रही है। तलाक लेकर वह दूसरी शादी करना चाहता है।
जिद ऐसी : भरण-पोषण ले लो लेकिन तलाक दे दो
दोनों की शादी को हो गए 14 साल : पत्नी ने बताया कि उनकी शादी को 14 साल हो गए हैं। 13 साल का बेटा है। चार साल पहले उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हो गया था। पति ने ही इलाज कराया। अब वे पूरी तरह से ठीक हैं। कैंसर से मुक्त हैं। पिछले दो साल से पति दूसरी शादी करने की जिद कर रहे हैं। पहले कहते थे कि अपनी छोटी बहन से शादी करा दो। दोनों बहनें साथ रहना।
चारित्रिक हनन का आरोप भी लगा चुका है पति : महिला ने काउंसलिंग के दौरान स्पष्ट कह दिया कि वह तलाक नहीं देगी। जबकि पति का कहना है कि वह पत्नी को भरण-पोषण देने तैयार है। बेटे को भी साथ रखने तैयार है। वह तलाक चाहता है। इस मामले में वह पत्नी पर चारित्रिक हनन तक का आरोप लगा चुका है, लेकिन आरोप को सिद्ध करने लिए उसके पास कोई प्रमाण नहीं है।
दाम्पत्य सुख में आड़े नहीं आता किसी तरह का कैंसर
किसी भी तरह कैंसर कभी भी दांपत्य सुख के आड़े नहीं आता है। वह भी उस स्थिति में जब महिला पूरी तरह से ठीक हो। इस मामले में पुरुष को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जरूरत है। जिस वक्त महिला को सपोर्ट दिया जाना चाहिए, उस वक्त पति उससे तलाक लेने की बात कर रहा है। डॉ. श्याम अग्रवाल, अंकोलॉजिस्ट