कांग्रेस का खुलासा; सामाजिक न्याय विभाग में 28 साल से फर्जी आदेश पर करते रहे 62 साल तक नौकरी
सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है, लेकिन प्रदेश में बीते 28 साल से एक फर्जी...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 17, 2018, 03:10 AM IST
सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है, लेकिन प्रदेश में बीते 28 साल से एक फर्जी आदेश के आधार पर रिटायरमेंट की आयु 62 साल है। खास बात यह है कि यह फर्जी आदेश 1990 में निकला था। जुलाई 2017 में यह पकड़ में आया कि आदेश फर्जी है। विभाग के प्रमुख सचिव ने इसे निरस्त करने के लिए मंत्री को लिखा, लेकिन इसे अब तक निरस्त नहीं किया गया है। यह खुलासा कांग्रेस के आरटीआई विभाग के प्रमुख अजय दुबे ने सोमवार को यहां पत्रकारवार्ता में किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह बड़े ताज्जुब की बात है कि 1990 में जब रिटायरमेंट की आयु 58 साल थी, उस दरमियान भी 62 साल में रिटायरमेंट की आयु रही। तत्कालीन दिग्विजय सरकार ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 1998 में 58 से 60 वर्ष की थी। दुबे ने आरोप लगाया कि फर्जी आदेश से बढ़ी हुई आयु का लाभ लेते हुए कर्मचारी वेतन आहरण भी करवाते रहे, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया, जबकि कोष से किसी भी मद में राशि का आहरण होता है तो उसकी प्रति महालेखाकार कार्यालय को भेजी जाती है। सेवानिवृत्ति की आयु कैसे 62 वर्ष की गई। इस संबंध में कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। यह कर्मचारी सामाजिक न्याय विभाग के तहत सामाजिक सुधार गृह, बालिका संरक्षण गृह और अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं।
अब तक एक हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी ले चुके फायदा
ऐसे हुई गड़बड़ी
1990 में एक फर्जी आदेश ज्वाइंट डायरेक्टर के स्तर पर निकाला गया, जिसकी मूल प्रति शासन को नहीं भेजी गई।
महालेखाकार कार्यालय ने कभी आपत्ति नहीं ली। इस फर्जी आदेश का एक हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी लाभ ले चुके हैं।
ट्रेजरी से जो पेमेंट होता है वह वित्त संहिता के तहत होता है, जब वित्त ने सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की की कोई अनुमति नहीं दी थी तो कैसे बढ़ी हुई आयु के आधार पर पेमेंट होता रहा।
मेरे संज्ञान में यह बात आई थी, तब मैने इस आदेश को निरस्त किए जाने के लिए नोटशीट लिखी थी। इसे निरस्त क्यों नहीं किया गया। इसके लिए भी जो भी दोषी हैं, उन पर कार्रवाई होना चाहिए। अशोक कुमार शाह, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय विभाग
Get the latest IPL 2018 News, check IPL 2018 Schedule, IPL Live Score & IPL Points Table. Like us on Facebook or follow us on Twitter for more IPL updates.उन्होंने आरोप लगाया कि यह बड़े ताज्जुब की बात है कि 1990 में जब रिटायरमेंट की आयु 58 साल थी, उस दरमियान भी 62 साल में रिटायरमेंट की आयु रही। तत्कालीन दिग्विजय सरकार ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 1998 में 58 से 60 वर्ष की थी। दुबे ने आरोप लगाया कि फर्जी आदेश से बढ़ी हुई आयु का लाभ लेते हुए कर्मचारी वेतन आहरण भी करवाते रहे, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया, जबकि कोष से किसी भी मद में राशि का आहरण होता है तो उसकी प्रति महालेखाकार कार्यालय को भेजी जाती है। सेवानिवृत्ति की आयु कैसे 62 वर्ष की गई। इस संबंध में कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। यह कर्मचारी सामाजिक न्याय विभाग के तहत सामाजिक सुधार गृह, बालिका संरक्षण गृह और अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं।
अब तक एक हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी ले चुके फायदा
ऐसे हुई गड़बड़ी




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(News in Hindi from Dainik Bhaskar)
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