डीबी स्टार

भोपाल/इंदौर
बीएड फोर्थ सेम की परीक्षा के एक पेपर ने परीक्षार्थियों के पसीने छुड़ा दिए। अब उन्हें चिंता सता रही है कि वे पासिंग मार्क्स भी ला पाएंगे या नहीं। मामला वैकल्पिक प्रश्न-पत्र स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा का है। हर साल इसमें दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। इस बार पेपर की शुरुआत में खाली स्थान के सवाल दे दिए गए। यही नहीं, उनकी व्याख्या करने को भी कहा गया। उदाहरण के लिए-मनोरंजन से तात्पर्य.... अंत:विद्यालयीन खेलों के जनक.... हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि खाली स्थान भरकर महज 150 शब्दों में ऐसे सवालों का जवाब देना संभव नहीं है। कई बार एक प्रश्न के अनेक जवाब हो सकते हैं। ऐसे में तय करना मुश्किल है कि पेपर सेटर ने किस संदर्भ में यह सवाल किया है। यानी पहले लॉजिक लगाएं, फिर उत्तर दें।
आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न
परीक्षार्थी मेघा जाधव, प्रीति सोनकर, माधुरी खटके और मयूरी दुबे का कहना है कि कुछ प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस भी पूछे गए थे। विद्यार्थियों का कहना है कि जब उन्होंने पाठ्यक्रम में यह कंटेंट पढ़ा ही नहीं तो वे जवाब कैसे दें।
पासिंग मार्क्स की चिंता
वैकल्पिक पेपर दो सेक्शन में बंटा था। पहले सेक्शन में 14 प्रश्न थे। इनमें से 11 हल करना थे। दूसरे सेक्शन में चार प्रश्न थे और किन्हीं दो प्रश्नों का उत्तर देना था। कुल 13 प्रश्न हल करना थे। पेपर 75 अंक का था। पास होने के लिए 27 नंबर चाहिए। विद्यार्थियों का कहना है कि पासिंग मार्क्स मिलना भी मुश्किल लग रहा है। इसीलिए यूनिवर्सिटी को शिकायत में कहा गया है कि उदारता और सहानुभूति के साथ कॉपी जांची जाए।
परीक्षार्थियों को राहत दी जाएगी
 बीएड फोर्थ सेम के पेपर को लेकर विद्यार्थियों की शिकायत मिली है। मैंने भी पेपर देखा है। उसका पैटर्न अलग है। हम यह मामला रिजल्ट कमेटी में रखेंगे। परीक्षार्थियों को पूरी राहत दी जाएगी। पेपर सेटर से भी स्पष्टीकरण मांग रहे हैं कि उन्होंने एेसा पेपर क्यों बनाया। कॉपी जांचने वालों से नरमी बरतने को कहेंगे। अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी