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बारिश से 40 फीसदी उड़द व 25% सोयाबीन को नुकसान, सोयाबीन में पहली बार फॉल आर्मी वर्म कीट का हमला

4 वर्ष पहले
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अधिक बारिश के कारण जिले के अधिकांश क्षेत्र में बोई गई उड़द की फसल बर्बाद हो चुकी है। वहीं किसानों को सोयाबीन की फसल में भी नुकसान हुआ है। जिले में कुल 1 लाख 88 हजार 310 हेक्टेयर में उड़द और 7 हजार 416 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है।

लगातार बारिश से जिले में करीब 40 फीसदी से अधिक उड़द तथा 25 फीसदी सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि उड़द की फसल को अब बचा पाना मुश्किल है, लेकिन किसान समय रहते सोयाबीन की फसल को बचा सकते हैं। हाल ही में राजभवन से आए पत्र में टीकमगढ़ जिले में पहली बार फॉल आर्मी वर्ग कीट जो सोयाबीन की फसल में देखा जा रहा है। उसे नियंत्रण करने के लिए कहा गया है।

जिले में सबसे अधिक नुकसान उन किसानों को हुआ है जिनकी जमीन नदी और नालों के किनारे है। खेतों में पानी भरने से गलन की वजह से फसल खराब हुई है। बर्बाद फसल को देखकर किसानों भी चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि फसल नुकसान का सर्वे तुरंत होना चाहिए। जिससे समय पर हमें खराब फसल का मुआवजा मिल सके। लगातार बारिश से क्षेत्र की धसान सहित अन्य नदी व नाले उफान पर हैं। इनका पानी खेतों में कई दिन तक भरा रहने से फसल चौपट हुई हैं। टीकमगढ़ जिले के खरगापुर, मोहनगढ़, बल्देवगढ़, जतारा और बड़ागांव धसान में सबसे अधिक नुकसान देखने को मिल रहा है। लंबे समय तक खेतों में पानी भरा रहने की वजह से पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन फिक्सेशन न हो पाने की वजह से फसल काली पड़ गई हैं। जिले में अब तक 831 मिमी अौसत बारिश हो चुकी है। जो अभी भी सामान्य बारिश से करीब 170 मिमी कम है।

किसानों ने कहा जल्दी हो सर्वे: केशवगढ़ के किसान कैलाश यादव ने बताया कि नाले का पानी उड़द की फसल में भरने से फसल चौपट हो गई, लेकिन अब तक हमारी खराब फसल का सर्वे नहीं कराया गया है। मोहनगढ़ क्षेत्र के किसान उपदेश यादव, गोपाल कोरी, सरमन केवट, भज्जू बरेठा, चुखड़ी अहिरवार सहित हजारों किसानों की फसल बारिश से काली पड़ चुकी है। किसानों का कहना है कि तेज बारिश से उड़द तो पूरी तरह बर्बाद हो ही चुकी है, वहीं सोयाबीन की फसल भी करीब 25 प्रतिशत बर्बाद हो गई है। शेष फसल नष्ट होने की कगार पर है। बारिश से सोयाबीन पौधों में बन रहे फूल गलकर नष्ट हो रहे हैं। वहीं फसलें बांझ हो चुकी है। जिन पेड़ों में फलियां लगी हैं। वह अंकुरित होने लगी है।

सोयाबीन और उड़द में येलो मौजेक का अटैक

कृषि महाविद्यालय के नोडल अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि आने वाले 5 दिनों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने तथा आसमान में बादल का डेरा रहेगा। इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 31 डिसे तथा रात का न्यूनतम तापमान 24 डिसे रहेगा। हवा की औसत गति 9 से 13 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। उन्होंने कहा कि किसान जल भराव की समस्या होने पर दलहनी, तिलहनी तथा सब्जियों के खेतों से जल निकासी की व्यवस्था करें। श्रीवास्तव के अनुसार सोयाबीन तथा उड़द की फसल में पीला पत्ता (येलो मौजेक)रोग बढ़ा है। किसान फसलों की निगरानी करें तथा खेत में रोग ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन के अन्दर दबाएं। जिससे रोग न बढ़ सके। नियंत्रण के लिए मिथाइल डेमैटान 2.0 मिली प्रति लीटर या इमीडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

मक्का की फसल का कीट सोयाबीन में बढ़ा
कृषि महाविद्यालय में पदस्थ कीट वैज्ञानिक डॉ. एमके नायक ने बताया कि हाल ही में राजभवन से पत्र आया है। जिसमें फाल आर्मी वर्ग कीट को नियंत्रण करने के बारे में कहा गया है। उन्होंने बताया कि यह कीट मक्के की फसल में पाया जाता था, लेकिन पिछले चार पांच दिनों से यह कीट टीकमगढ़ जिले में सोयाबीन की फसल में देखा गया है। जिसका प्रभाव बहुत तेजी से फैल रहा है। इस कीट की इल्ली अवस्था सबसे अधिक घातक है। उन्होंने कहा कि इस इल्ली की पहचान है कि इसके सिर पर उल्टा बार्इ आकार का चिन्ह बना रहता है। साथ में तीन पीले रंग की लाइन इल्ली के शरीर पर बनी होती है। इसके नियंत्रण के लिए इमामेकटिन बेनजोएट 5 फीसदी एसजी की मात्रा 300 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर का घोल बनाकर छिड़काव करें। जिससे फसल को बचाया जा सके।

टीकमगढ़। फॉल आर्मी वार्म वीट का सोयाबीन पर हमला।

खराब फसल का सर्वे कराने लिखा सीएम को पत्र
भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. अभय यादव ने बताया कि मप्र के सीएम कमलनाथ को 8 सितंबर को पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने मांग की थी, कि जिला टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में दलहन एवं तिलहन की खराब हुई फसल का सर्वे कराकर किसानों को राहत राशि प्रदान की जाए। उड़द की फसल में येलो मौजेक रोग लगने से किसान चिंतित हैं। जिसके जवाब में सीएम ऑफिस से टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में दलहन और तिलहन की खराब हुई फसल का सर्वे कराकर किसानों को राहत राशि प्रदान करने के संबंध में प्राप्त ई-मेल अधिकारियों को भेजा गया है। कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग मप्र शासन को भेजा गया है। यादव ने कहा कि सरकार जल्दी ही सर्वे करवाकर किसानों को राहत राशि उपलब्ध करवाए।