प्रदेश में यूरिया की मारामारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। यूरिया को लेकर किसान आठ दिनों तक चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। फिर भी उन्हें यूरिया की एक बोरी तक नहीं मिल रही है। यूरिया नहीं मिलने के कारण परेशान किसान एसडीएम कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने आपबीती सुनाते हुए कहा कि आठ दिनों से यूरिया लेने के लिए आ रहे हैं, लेकिन सोसायटी में मौजूद लोग मना कर देते हैं कि यूरिया खत्म हो गया है।
किसान मायूस होकर अपने घर लौट जाता है। मंगलवार को भी सोसायटी में किसानों को यूरिया खत्म होने का कहकर उन्हें वहां से चलता करने का प्रयास किया गया। आक्रोशित किसान एसडीएम अंकिता जैन के पास कार्यालय पहुंच गए, जहां उन्होंने आपबीती सुनाई। इसके बाद एसडीएम ने तत्काल कृषि विस्तार अधिकारी टीआर परिहार को तलब किया व उनसे जानकारी ली। इसके बाद परिहार किसानों से मान मन्नोवल कर उन्हें पुनः केंद्र ले गए। किसानों का आरोप था अधिकारी अपने वालों को ज्यादा बोरी दे रहे हैं। जबकि आम किसान पिछले आठ दिनों से यूरिया के लिए परेशान हो रहा है। परिहार को भी जमकर खरी खोटी सुनाई। परिहार उन्हें जैसे-तैसे एसडीएम कार्यालय से मनाकर ले गए। कृषि विस्तार अधिकारी टीआर परिहार ने बताया किसानों को उनकी मांग अनुरूप यूरिया का वितरण किया जाता है। इन लोगों की मांग आने के बाद पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए इन्हें यूरिया दिया जा रहा है। आठ दिन पहले के जो मामले हैं उसके लिए आरओ लगता है। इस कारण किसान को जितना यूरिया लगता है उतना दिया जाता है। यूरिया वितरण सोसायटी लेवल पर होता है।
सोनकच्छ. एसडीएम कार्यालय के बाहर किसानों को मनाते कृषि अधिकारी।
सोमवार को खातेगांव आ रहे यूरिया के 2 ट्रक हरदा के किसानों ने रोके, मंगलवार सुबह दूसरे ट्रकों से पहुंचा खाद, दोपहर से बंटना शुरू
खातेगांव | खातेगांव में रैक पाइंट नहीं होने से कई बार यहां के लिए आया यूरिया पहले हरदा उतरता है, वहां से ट्रकों के माध्यम से खातेगांव आता है। प्रदेशभर में हो रही यूरिया की किल्लत के बीच सोमवार को खातेगांव के हिस्से के 2 ट्रक हरदा रैक पाइंट से खातेगांव तहसील के पलासी और विक्रमपुर के लिए निकले ही थे कि हरदा में यूरिया के लिए हंगामा कर रहे किसानों ने पुराने माल गोदाम के सामने उन्हें रोक लिया। किसानों की मांग थी कि पहले हरदा में यूरिया बंटेगा उसके बाद खातेगांव जाएगा। अधिकारी बार-बार समझाइश देते रहे, लेकिन किसानों ने उनकी बात नहीं मानी। आखिर में हरदा कलेक्टर एस विश्वनाथन ने प्रमुख सचिव और संचालक से बात की। दोनों ट्रकों को हरदा में ही खाली करवाकर किसानों को बांटा गया। बाद में खातेगांव के हिस्से का 60 टन यूरिया लेकर मंगलवार सुबह 2 ट्रक पलासी और विक्रमपुर के लिए निकले। दोपहर बाद वहां यूरिया का वितरण शुरू हो पाया। 2 दिन में खातेगांव में करीब 600 टन यूरिया आ चुका है। 1-2 दिनों में लगभग 200 टन यूरिया और आने की संभावना है।
खातेगांव. विक्रमपुर सोसायटी में खाद वितरण करते हुए।