हरदा। हरदा, होशंगाबाद और खंडवा जिले की प्रस्तावित मोरंड-गंजाल सिंचाई परियोजना को वन विभाग की हरी झंडी मिल गई है। 2813 करोड़ रुपए की यह परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। इससे तीनों जिले के 211 गांवों की 52205 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। इससे हरदा जिला 100 प्रतिशत सिंचित हो जाएगा।
सिंचाई का पर्याप्त पानी मिलने के बाद जिले के वनांचल के किसान आर्थिक रूप से संपन्न होंगे। इसके अलावा होशंगाबाद जिले की सिवनीमालवा तहसील व हरदा जिले के वनांचल की पेजयल किल्लत दूर हो जाएगी। नर्मदा घाटी विकास प्राधीकरण के अधिकारियों के मुताबिक परियोजना में वन विभाग की एनओसी मिल गई है। इससे डूब व कैचमेंट की जमीन को लेकर आ रही अड़चन दूर हो गई है। मार्च 2019 तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
3 चरणों में होगा परियोजना का निर्माण: परियोजना का निर्माण तीन चरण में किया जाएगा। प्रथम चरण में मोरंड बांध का निर्माण और द्वितीय चरण में नहर निर्माण होगा। बांध से निकलने वाली दोनों नहरें पाइप केनाल के रूप में होंगी तथा पूरे कमांड क्षेत्र में भूमिगत नहर प्रणाली से सिंचाई सुविधा मिलेगी। तीसरे चरण में गंजाल बांध का निर्माण होना है।
3 जिलों के 10 गांव के लोग होंगे प्रभावित: यह परियोजना प्रदेश की 29 बड़ी परियोजनाओं में शामिल है। परियोजना के पूर्ण होने के बाद हरदा पूर्ण सिंचित जिलों में शामिल हो जाएगा। मोरंड और गंजाल परियोजना से जहां तीन जिलों को लाभ मिलेगा, वहीं इसके बैक वाटर से होशंगाबाद और हरदा के 4-4 व बैतूल जिले के 2 गांव डूब में आएंगे। इनमें आदिवासियों की जमीन, घर व गांव प्रभावित होंगे।
बांध बनेगा: परियोजना में सिवनीमालवा तहसील के मोरघाट के पास मोरंड नदी तथा हरदा जिले की रहटगांव तहसील के ग्राम जवरधा के पास गंजाल नदी पर बांध बनेगा। इसमें होशंगाबाद जिले के 28 गांव की 4,617 हेक्टेयर, खंडवा के हरसूद तहसील के 62 गांव की 17,678 हेक्टेयर तथा हरदा जिले की हरदा, खिरकिया, सिराली और रहटगांव तहसील के 121 गांवों की 29,910 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचित होगी। परियोजना से कुल 52,205 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र निर्मित होगा। सिंचाई के साथ ही कमांड क्षेत्र के 211 गांव को पीने का पानी मिलेगा।
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