हाेशंगाबाद. नर्मदा को स्वच्छ रखने की तमाम बातें होती हैं फिर भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। नर्मदा जल काे इस बार बी ग्रेड मिला है। इसके पहले जाे जांच की गई थी, उसमें ए ग्रेड मिला था, यानी उस समय पानी बहुत शुद्ध था। 4 माह में नर्मदा में जल में प्रदूषण बढ़ा है। यह मप्र प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड की जांच के बाद इस बार प्रदूषण ज्यादा हाेने से ग्रेड कम मिला है।
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नर्मदा जल की सेहत जानने के लिए मप्र नियंत्रण बाेर्ड हर चार माह में जांच करता है। विभाग ने इस बार भी 5 जगहाें से जांच की। इस जांच में नर्मदा में प्रदूषण ज्यादा मिला है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड के रीजनल ऑफिसर पीएस बुंदेला ने बताया हाेशंगाबाद में 5 जगहाेंं से नर्मदा जल के सैंपल लिए हैं। इन सैंपल की जांच लैब में की गई है। लैब की जांच में सामने आया है कि पानी में प्रदूषण बढ़ा है। इसमें रसायन युक्त पानी नर्मदा में मिलना आदि शामिल हाेता है।
नर्मदा नियंत्रण प्रदूषण बाेर्ड शहर में सेठानीघाट, काेरीघाट, मंगलवारा, ब्रिज के पास, डाेंगरवाड़ा से सैंपल लिए हैं। बी ग्रेड यानी नर्मदा जल का आचमन कर सकते हैं। बी ग्रेड में अधिक प्रदूषित नहीं माना जाता है। इसके अलावा नाव में बैठकर बीच से भी सैंपल लिए हैं। इसके बाद सभी सैंपलाें की अलग-अलग जांच करते हैं। इसके बाद निष्कर्ष निकालते हैं।
ऐसे होती है नर्मदा के पानी की जांच : जांच दो स्तर पर की जाती है। पहले स्तर पर फिजीकल पैरामीटर और दूसरा कैमीकल पैरामीटर होता है। कैमीकल में बीओडी, सीओडी और डीओ की जांच होती है। फिजीकल में तापमान, पीएच की प्रमुख रूप से जांच की जाती है। इस आधार पर नर्मदा के जल की जांच कर उसे दर्जा दिया जाता है। ए ग्रेड यानी पानी पीने के योग्य है, बी और सी ग्रेड में पानी प्रदूषित माना जाता है। सभी पैरामीटर पर नर्मदा का जल सही पाया गया है। इसलिए इसे ए ग्रेड दिया गया है।
नर्मदा मेंं प्रदूषण बढ़ने के यह हैं प्रमुख कारण
घाटाें पर गंदगी, कपड़े धाेते हैं : नर्मदा में घाटाें पर गंदगी बढ़ रही है। नालाें के पानी जाने के अलावा लाेग साबुन लगाकर नहाते हैं। साथ ही कपड़े धाेते हैं। अस्पतालाें के कपड़े भी यहां धुलते हैं। घाट पर लाेग कपड़े छाेड़ जाते हैं। साथ ही पुराने फूल, मूर्तियां विसर्जित करते हैं इसलिए गंदगी बढ़ रही है।
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