अनिल गुप्ता | होशंगाबाद. भाजपा के कद्दावर नेता, पांच बार सांसद रहे पूर्व मंत्री सरताज सिंह और पिछले विधानसभा चुनाव मेें भाजपा विधायक रहे संजय शर्मा के कांग्रेस में जाने के बाद पहली दफा होशंगाबाद सीट के समीकरण गडबड़ा हुए हैं। नरसिंहपुर में कांग्रेस मजबूत दिख रही है तो होशंगाबाद-इटारसी में भाजपा। कांग्रेस ने लोधी वर्ग में प्रभाव रखने वाले शैलेंद्र दीवान को नए चेहरे के रूप में उतारा है।
नरसिंहपुर से लेकर सिवनी-मालवा और इटारसी में कांग्रेस इसी गणित के भरोसे आगे बढ़ रही है। जबकि जाट वर्ग से आने वाले भाजपा प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह यहां मौजूदा सांसद हैं और क्षेत्र में उनकी पकड़ भी पुरानी है। पिछले लोकसभा चुनाव में वह पौने चार लाख वोटों से जीते थे। यह बड़ा अंतर भी दोनों पार्टियों के बीच मनोबल बढ़ाने और घटाने में काम कर रहा है। फिर भी क्षेत्र में दो ही चर्चाएं ज्यादा हैं। पहली- नर्मदा नदी की सुरक्षा और दूसरी- जातियां।
अवैध रेत खनन बड़ा मुद्दा : जब भी जाओ, यहां रेत ले जाते 15 से 20 ट्रैक्टर नजर आएंगे : नर्मदा नदी में अभी भी अवैध रेत खनन हो रहा है। होशंगाबाद में सर्किट हाउस से सटे घाट पर रोज आने वाले प्रकाश पांडे कहते हैं कि यहां से खड़े होकर देखेंगे तो नर्मदा के विशाल पाट में कम से कम 15 से 20 ट्रैक्टर घुसे नजर आएंगे। ये रेत खींचकर एकत्रित करते हैं और बाद में उन्हें भरा जाता है। नेताओं के करीबियों की भागीदारी है, लेकिन यह हर चुनाव में होता है। पांच साल फिर इस पर कोई नहीं बोलता। हमारी चिंता नर्मदा नदी की सुरक्षा को लेकर है।
समीकरण : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक सीतासरन शर्मा इटारसी क्षेत्र मेें प्रभावी हैं। उनके भाई इस बार होशंगाबाद सीट से टिकट मांग रहे थ्े। उनके लिए लॉबिंग पूर्व मंत्री जालिम सिंह पटेल ने की, लेकिन टिकट नहीं मिला।
विधानसभावार गणित
आबादी में जातियों का समीकरण
लोधी-कुर्मी-लोवंशी | 12% |
किरार | 6% |
ब्राह्मण | 7% |
रघुवंशी |
7% |
गौंड | 9% |
मुस्लिम | 7% |
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.