कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ ने गुरुवार को बजट विश्लेषण कार्यक्रम किया। इसमें सीआईआई के एक्सपर्ट्स के साथ प्रदेश के कमर्शियल टैक्स विभाग से जुड़े अधिकारी, आर्थिक विश्लेषक और उद्योग जगह से जुुड़े लोग शामिल हुए। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम के हरि कुमार नायर ने कहा- मध्यम वर्ग के लिए बजट उम्मीद भरा नहीं है। कमर्शियल टैक्स विभाग के जॉइंट कमिश्नर सुदीप गुप्ता ने भी अपनी राय रखी। डीएवीवी के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुख प्रो. गणेश कावड़िया, फाइनेंस कंपनी के संचालक भानुप्रकाश इनानी, सीआईआई के प्रवीण अग्रवाल, कमर्शियल व्हीकल कंपनी के फाइनेंस हेड नितिन नागदा ने भी प्रतिक्रिया दी।
कृषि उद्योग पर ही ज्यादा ध्यान दिया। हालांकि कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से स्थानीय निर्माण में जरूर फायदा होगा। - नितिन नागदा
बजट पर सीआईआई एक्सपर्ट्स, अधिकारियों और आर्थिक विश्लेषकों की प्रतिक्रिया अलग-अलग रही। कुछ ने इसे किसानों का तो कुछ ने काॅर्पोरेट सेक्टर का बजट माना। जीएसटी में सुधार और आयकर स्लैब में छूट की आशा लगाए बैठे कारोबारियों ने निराशा जताई...
बजट काफी संतुलित है। इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का फायदा उद्योगों को भी मिलेगा। - प्रवीण अग्रवाल
बजट हमारी अर्थव्यवस्था को बहुत ज्यादा फायदा देता नहीं दिख रहा है। आठ राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। इसलिए कठोर निर्णय नहीं लिए। - प्रो. गणेश कावड़िया
इन्होंने ऐसे लगाया बजट का हिसाब-किताब
जीएसटी कानून में खामियां हैं। इनके दूर होने की काफी उम्मीद थी। - अश्विन लखोटिया, अध्यक्ष टैक्स लॉ बार एसोसिएशन
- प्रमोद टंडन, अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी
... और अंत में यह टिप्पणी
लोक लुभावन बजट की जल्दी नहीं, हमें सात-आठ साल और पेश करना है : मलैया
प्रदेश के वित्त और जिले के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया गुरुवार को इंदौर में थे। रेसीडेंसी कोठी में टीवी पर लाइव बजट भाषण देखने के बाद बोले कि अभी तो हमें सात-आठ साल और बजट पेश करना है। सरकार का ध्यान आर्थिक, स्वास्थ्य, गांव, गरीब, किसान पर था। लोक लुभावन बजट की कोई जल्दी नहीं है। वैसे भी इनकम टैक्स कम है और व्यापक वर्ग पर ध्यान दिया गया है।