2146 रु. में आ रही पहली की किताबें
शहर के निजी स्कूलाें में मनमानी चल रही है। निजी स्कूल संचालक किताबों के 10 प्रतिशत तक दाम बढ़ा दिए हैं। किताबों को...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 01, 2018, 02:55 AM IST
शहर के निजी स्कूलाें में मनमानी चल रही है। निजी स्कूल संचालक किताबों के 10 प्रतिशत तक दाम बढ़ा दिए हैं। किताबों को हरसाल लगभग 5 से 10 प्रतिशत महंगा कर देते हैं। पालकांे की जेब पर सीधा भार पड़ने के बाद भी प्रशासन इसपर कोई कार्रवाई नहीं करता है। इसी के चलते पहली व दसवीं कक्षा के सेट का भाव में ज्यादा अंतर नहीं है। कक्षा पहली की किताबों का सेट 2146 रुपए तक व 10वीं का से 2163 रुपए में मिल रहा है। सेट में 80 प्रतिशत से ज्यादा पुस्तकें निजी लेखकांे की है।
स्कूल संचालक कमीशन के चक्कर में वे निजी लेखकांे की ही किताबांे को पाठ्यक्रम में शामिल करते हैं। पालक साेहन चौहान ने कहा िक शहर के सभी किताब विक्रेताआंे के पास सभी स्कूलांे की किताबंे नहीं िमल रही है। अलग-अलग स्कूलांे की किताबंे अलग दुकानांे पर बेची जा रही है। ताकि किताबांे को मनमाने दाम पर बेचा जा सके। स्कूल संचालक किताबांे की सूची सार्वजनिक देरी से करते हैं। निजी स्कूल संचालकांे को मापदंडांे के अनुसार 70 प्रतितशत किताबंे एनसीईआरटी की रखना अनिवार्य है। 30 प्रतिशत किताबंे िनजी लेखकांे की रख सकते हैं। लेकिन यहां पर इसके विपरीत हो रहा है, यहां 70 प्रतिशत निजी और 30 प्रतिशत एनसीईआरटी की रख रहे हैं। इसके चलते 700 रुपए की किताबंे 2100 रुपए तक पहुंच रही है।
पालकों ने कहा- निजी प्रकाशकों की किताब जोड़ रहे प्रायवेट स्कूल
तीन बड़ी स्कूलों के रेट
कक्षा सेंट जूद आदित्य स्कूल जीपीएस
पहली 1754 2146 1590
पांचवीं 2427 2134 2285
सातवीं 2330 2253 1895
नवमी 2413 1839 1799
दसवीं 2163 1574 1800
यह भी कहा
निजी स्कूलांे की किताबांे के रेट 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिए गए हैं। कुछ किताबांे के यथावत भी रखे गए हैं। -योगेश संघवी, पुस्तक विक्रेता
एक से दो बुक िनजी लेखकांे की स्कूल संचालक अनुमति लेकर हमसे चलाते हैं। यदि कक्षा पहली की किताबंे 1700 से 2100 के बीच है तो हम इस पर कार्रवाई करंेगे। - केके डांेगरे, िजला शिक्षा अधिकारी खरगोन
(विक्रेताओं के रेट मुताबिक)
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पालकों ने कहा- निजी प्रकाशकों की किताब जोड़ रहे प्रायवेट स्कूल
तीन बड़ी स्कूलों के रेट
कक्षा सेंट जूद आदित्य स्कूल जीपीएस
पहली 1754 2146 1590
पांचवीं 2427 2134 2285
सातवीं 2330 2253 1895
नवमी 2413 1839 1799
दसवीं 2163 1574 1800
यह भी कहा


(विक्रेताओं के रेट मुताबिक)
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