- आयकर प्रधान आयकर आयुक्त व अपर आयुक्त खरगोन पहुंचे, अब प्रभावितों को नोटिस देकर राशि बुलवाएंगे
- 2017-18 में बांटने से पहले लाखों में पहुंच गया ब्याज
खरगोन. महेश्वर बांध परियोजना के मुआवजा वितरण में भू-अर्जन अधिकारी आयकर के नियमों को समझ नहीं पाए। उन्होंने परियोजना से प्रभावित 2000 लोगों के मुआवजा की ब्याज राशि के टैक्स में कटौत्रा करने में लापरवाही बरती। इस वजह से आयकर विभाग ने प्रभावितों को 35 करोड़ रुपए रिफंड कर दिए। कटौत्रा से ज्यादा रिफंड की रािश देख आयकर अफसर हैरान रह गए। जांच की तो यह उजागर हुआ। अब प्रभावितों को नोटिस देकर रिफंड हुई रािश बुलवाएंगे। यह खुलासा बुधवार को इंदौर से आए प्रधान आयकर आयुक्त शैली जिंदल व खंडवा अपर आयकर आयुक्त वीजे बोरिचा ने इसका खुलासा किया।
आयकर विभाग के दोनों अफसर यहां इस मामले में उचित कार्रवाई के साथ हल निकालने आए थे। उन्होंने बताया महेश्वर परियोजना में कसरावद, बड़वाह, मंडलेश्वर व महेश्वर के किसान व अन्य भू-स्वामियों की जमीनें शासन ने अिधग्रहित की थी। 2013 में अवाॅर्ड पारित हुआ था। इसकी रािश 2017-18 में पीड़ितों को मिली। भू-अर्जन विभाग को इस रािश के वितरण के समय आयकर की धारा 194 ए के तहत मुआवजे पर ब्याज की रािश व 194 एलए में मुआवजे पर कुल रािश का 10 प्रतिशत टीडीएस (कटौत्रा) करना था। इस कटौत्रे मंे अफसरों को दर्शाना था कि किस सेक्शन में कितनी रािश काटी है लेकिन भू-अर्जन अफसरों ने धाराओं में न उलझकर सीधे 10 प्रतिशत कटौत्रा कर दिया। आयकर अधिनियम में रिफंड के प्रावधान के लिए किसानों ने अधिवक्ताओं से आवेदन करवाकर राशि अपने खाते में रिफंड करा ली। मामले में तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी अभिषेक गेहलोद का कहना है पुराना मामला है। रिवाइज कार्रवाई करेंगे।
भू-अर्जन... देरी से मूल से ज्यादा हो गया ब्याज : 2013 में अवाॅर्ड पारित होने के बाद किसानों को 2017-18 में रािश दी गई। इससे पांच वर्षों का ब्याज कई किसानों की मूल रकम से ज्यादा हो गई। भू-अर्जन अिधकारी नियमों को नहीं समझ पाए। महेश्वर बांध मामले में प्रभावितों को मुआवजा रािश 650 करोड़ से ज्यादा बांटी गई। इसमें से ब्याज की रािश 350 करोड़ रुपए हुई।
जानकारी... 400 के खाते में 1 लाख से ज्यादा रिफंड : आयकर विभाग ने साल 2018-19 में खरगोन के आयकर की बैलेंस शीट देखी। इसमें कटौत्रा रािश से रिफंड की रािश ज्यादा निकल आई। अफसरों को समझ नहीं आया कि ऐसा कैसा हो गया। मामले की गहनता से जांच की तो भू-अर्जन के मामलों में रिफंड अिधक मिला। गलती पकड़ में आने पर मामला इंदौर आयकर आयुक्त के संज्ञान मंे लाया गया। इंदौर से बुधवार सुबह 10.30 प्रधान आयकर आयुक्त-2 इंदौर शैली जिंदल खरगोन पहुंचे। इस मामले के अलावा अन्य मामलों की भी उन्होंने जानकारी ली। जांच में 400 प्रभावित ऐसे मिले जिनके खाते में 1 लाख रुपए का रिफंड हुआ।
कटौत्रा के नियम
मुआवजे पर ब्याज : भू-अर्जन की रािश देरी पर किसान को देने पर भू-अर्जन विभाग ब्याज की रािश को धारा 194 ए सेक्शन पर दर्शाता है।
मुआवजा- किसानों को भू-अर्जन के बदले मिलने वाली मुआवजे की रािश को आयकर की धारा 194 एलए सेक्शन में डालते हैं।
अब आगे क्या...?
डूब प्रभावितों से रिफंड के लिए आयकर विभाग कार्यालय में स्पेशल हेल्प डेस्क बना रहा है, यहां से जानकारी मिलेगी।
प्रभावित सीए या टैक्स प्रैक्टिशनर की मदद लेकर रािश लौटाने की कार्रवाई कर सकते हैं।
मार्च 2019 व मार्च 2020 तक इस रािश की वसूली करेंगे।
रािश नहीं लौटाने पर प्रभावितों पर पैनल्टी संबंधी कार्रवाई भी होगी।
2000 किसानों ने 35 करोड़ रुपए टीडीएस रिफंड ले लिया है। इसमें भू-अर्जन अधिकािरयाें की लापरवाही रही। प्रभावितों को नोटिस देकर रिफंड की वापसी कार्रवाई कर रहे हैं।
मामला पहले का है। किसानों को जितना मुआवजा मिला उसमें एक ही धारा के तहत 10 प्रतिशत के हिसाब से टीडीएस काटा था। रिवाइस टीडीएस के लिए फाइल करवा रहे हैं।